एमबीएम न्यूज़ / हमीरपुर
बड़सर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सरकारी अस्पतालों में कार्यरत लोक-कल्याण समिति के स्वयंसेवकों को अस्पतालों से बाहर किया गया है। उपमंडल बड़सर के तहत सिविल अस्पताल बड़सर, पीएचसी गारली, भोटा व पीएचसी बड़ाग्राम में पिछले 5 वर्षों से कार्यरत संस्था के करीब 17 स्वयंसेवकों को अस्पतालों से निकाला गया है।
हालांकि अस्पतालों में कार्यरत इन स्वयंसेवकों को सरकार की तरफ से नहीं बल्कि लोक-कल्याण समिति की तरफ से ही मानदेय दिया जा रहा था। जबकि संस्था के संचालक भी बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल है। प्रदेश में सरकार परिवर्तन होते ही अब बड़सर के अस्पतालों में रखे इन स्वयंसेवकों को उनकी सेवाओं से हटा दिया गया है। गौर हो कि बड़सर के सरकारी अस्पतालों में पिछले लंबे अरसे से नर्सों की नियुक्तियाँ न होने के चलते आधे से ज्यादा पद रिक्त चल रहे है।
लोगों को अस्पतालों में स्वास्थ्य संबंधी किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में सीपीएस रहते विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने अपनी लोक-कल्याण समिति से 17 स्वयंसेवकों को नर्सों के स्थान पर कार्यरत किया। जबकि इनका सारा खर्च भी समिति द्वारा ही किया जाता रहा है। लेकिन प्रदेश में सरकार परिवर्तन होने के बाद बड़सर में राजनीति हावी होने के कारण अस्पतालों में सेवाएं दे रही
समिति के इन स्वयंसेवियों को निकाल दिया गया है, जबकि वर्तमान समय में भी अस्पतालों में नर्सों के अभी भी 17 पद रिक्त चल रहे है। नर्सों के पद खाली होने के बावेजूद इन स्वयंसेवकों को अस्पतालों से बाहर निकाला गया है। हालांकि अस्पतालों में कार्यरत इन स्वयंसेवकों के कार्यरत होने से सरकार पर किसी प्रकार का कोई अतिरिक्त भार नहीं सहन करना पड़ेगा। विभाग के अनुसार लोक-कल्याण समिति के तहत अस्पतालों में रखे गये स्वयंसेवकों को सरकार व विभाग की अनुमति के अनुसार नहीं रखा गया है । इसके चलते समिति द्वारा कार्यरत स्वयंसेवियों को अस्पतालों से बाहर निकाला गया है।
स्वयंसेवकों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि हमे बिना वजह से अस्पतालों से बीएमो बड़सर द्वारा निकाल दिया गया है । अधिकारियों ने ये सब भाजपा नेता के कहने पर किया जा रहा है। उनका कहना है कि वे सब सरकार से बिना कुछ लिए अपनी सेवाएं दे रहे है तो उन्हें क्यों निकाला जा रहा है। स्वयंसेवकों का आरोप है कि वे पिछले कुछ वर्षों से बड़सर के अस्पतालों में सेवाएं दे रहे थे, लेकिन सरकार परिवर्तन होने के बाद भाजपा नेताओं के कहने पर सीएमो हमीरपुर व बीएमो बड़सर ने हमे अस्पतालों से बाहर निकाला है।
लोक-कल्याण समिति के तहत रखे गये स्वयंसेवियों को अस्पतालों से निकाला गया है। अगर सरकार चाहे तो उन्हें फिर से नियुक्ति किया जा सकता है । बीएमो बडसर
लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हो इसके लिए संस्था ने स्वयंसेवियों को अस्पतालों में रखा था। ये स्वयंसेवी अस्पतालों में बीमार, गरीब व असहाय लोगों की सेवा कर रहे थे। इन्हें मानदेय भी संस्था द्वारा ही दिया जाता है। मै संस्था का संचालक हूँ इस लिए भाजपा नेताओं ने अपनी घटिया सोच व घटिया राजनीति का परिचय देते हुए स्वयंसेवियों को अस्पतालों में सेवाएं देने से हटवाया है। भाजपा के नेता बड़सर में अपनी हार को नहीं पचा पा रहे है। जिस कारण अब लोगों को मिलने वाली सुविधाएं भी इन नेताओं को रास नहीं आ रही है । अस्पतालों में सेवाएं दे रहे स्वयंसेवी संस्था से जुडे हुए है पूर्व भाजपा विधायक उन्हें अस्पतालों में सेवायें देने से तो रोक सकते है लेकिन संस्था में नहीं ।
इंद्रदत्त लखनपाल, विधायक बड़सर विस क्षेत्र एवं लोक-कल्याण समिति संचालकअस्पतालों में लोक-कल्याण समिति के स्वयंसेवियों को सरकार व विभाग की अनुमति के बिना रखा गया है । अब इन्हें किसने हटाया इस बारे में नहीं जानती हूँ । रही बात अस्पतालों में रिक्त पदों की तो इसके बारे में सरकार को अवगत करवा दिया गया है । सवित्री कटवाल, सीएमो हमीरपुर ।