धर्मशाला (एमबीएम न्यूज ब्यूरो): डिग्री कॉलेज के फर्जी गैंगरेप की घटना में एसआईटी ने फेसबुक पर पोस्ट शेयर करने व कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड के आधार पर कुछ युवकों से पूछताछ शुरू कर दी है। सोशल मीडिया में अपुष्ट खबरों को भड़काऊ तरीके से पेश किया गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक हिरासत में लिए गए युवकों ने फर्जी गैंगरेप को सोशल मीडिया में पहले दिन से ही बेहद सक्रियता से शेयरिंग शुरू की थी।
सूत्रों का यह भी कहना है कि जिन युवकों से पूछताछ की जा रही है, वह धर्मशाला के आसपास के ही रहने वाले हैं। इसके अलावा पुलिस तथ्य जुटाने के बाद आईटी के तहत आपराधिक मामला दर्ज करने के पहलुओं को भी खंगाल रही है। जांच अधिकारी शालिनी अग्निहोत्री का कहना है कि तमाम पहलुओं की जांच के बाद ही एफआईआर दर्ज हो सकती है। इसी बीच एक युवक अंकुर चमन ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी है।
अंकुर का कहना है कि उसका नाम भी बेवजह इस मामले में घसीटा गया। पेशे से ट्रैवल एजेेंट अंकुर का आरोप यह भी है कि आपत्तिजनक तरीके से उसका नाम मामले में यह बताते हुए प्रचारित किया गया कि वह भी फर्जी गैंगरेप में शामिल था। अंकुर चमन ने सीधे तौर पर अपनी शिकायत में आकाश सूद को जिम्मेदार ठहराया है।
अंकुर का यह भी कहना है कि वह अपना नाम मामले में शामिल किए जाने के बाद जल्द ही मानहानि का दावा भी करेगा। इसी बीच एसआईटी ने उस महिला से भी दोबारा पूछताछ की, जिसकी झूठी शिकायत पर सारा बवंडर खड़ा हुआ है। एसआईटी इस बात को लेकर काफी हद तक सुनिश्चित हो गई है कि फर्जी शिकायत करने वाली महिला बार-बार अपना बयान बदलने की कोशिश कर रही है।
एसआईटी का गठन होते ही 24 से 48 घंटे के बीच ही उस महिला का पता लगा दिया था लेकिन एसआईटी की यह चुनौती अब भी बरकरार है कि आखिर क्यों झूठी शिकायत की गई। इस शिकायत होने के फौरन बाद ही सोशल मीडिया में घटनाक्रम न केवल राज्य अपितु बाहरी राज्यों तक भी पहुंच गया। हैरानी इस बात पर भी है कि एसआईटी की जांच में घटना फर्जी पाए जाने के बावजूद अब भी सोशल मीडिया में जांच रिपोर्ट को सही नहीं ठहराया जा रहा है।