शिमला (शैलेंद्र कालरा): पल-पल बदलती राजनीतिक तस्वीर से सस्पेंस हट गया है। 52 साल के जयराम ठाकुर को हिमाचल का सिंहासन मिला है। बेहद गरीब परिवार में 6 जनवरी 1965 को जन्में जयराम ठाकुर को अंतिम चरण में इस पद की दौड़ से बाहर समझा जाने लगा था। लेकिन तीन केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी में जयराम ठाकुर को विधायक दल का नेता चुन लिया गया।
बेहद साधारण व ईमानदार शख्सियत ने अपना राजनीतिक कैरियर 1986 में छात्र संगठन एबीवीपी से शुरू किया था। 1998 के बाद से आज तक चुनाव नहीं हारे। यह पहला मौका है, जब मंडी के हिस्से मुख्यमंत्री का पद आया है। 1967 में कांग्रेसी नेता कर्मवीर सिंह ठाकुर काफी करीब पहुंच चुके थे, लेकिन डॉ. वाईएस परमार ने अंत में मैदान मार लिया।
सराज विधानसभा क्षेत्र के विधायक राज्य के छठे मुख्यमंत्री होंगे। चूंकि आज की बैठक में नड्डा भी पहुंच रहे थे, लिहाजा नड्डा पर अटकलें तेज हो गई थी। अहम बात यह थी कि इस बार मंडी में भाजपा ने 10 में से 9 सीटों पर जीत हासिल की, एक सीट पर निर्दलीय की जीत हुई। यानि कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया हो गया था। 26 साल की उम्र में जयराम ठाकुर ने विधानसभा का पहला चुनाव लड़ा था। पहले चुनाव में हार मिलने के बाद 1998 में दूसरा चुनाव जीता तो सफर 24 दिसंबर 2017 को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच चुका है।
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