धर्मपुर (मंडी)/उमेश ललित : एक दशक से लाचार बिस्तर में पड़ी हिम्मती देवी की सहायता के लिए समाजसेवी संजय शर्मा ने पीएमओ का दरवाजा खटखटाया है। वह गत दो वर्षों से इस गरीब बुजर्ग महिला के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
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वीरवार को उपमंडलाधिकारी (ना) मुकेश रेपस्वाल के माध्यम से प्रधानमंत्री कार्यालय को ज्ञापन सौंपते हुए उन्होंने बताया कि बुजुर्ग महिला हिम्मती देवी पैहड पंचायत के कुल्हान गांव से संबंध रखती है और करीब आठ साल से बिस्तर पर नारकीय जीवन बिता रही है। उसके पास आधार कार्ड, वोटर आईडी, स्वास्थ्य कार्ड और बैंक खाता कुछ भी नहीं। बेटा मजदूरी करके पांच सदस्यीय परिवार का पेट पाल रहा है। उसके पास मां की बीमारी का इलाज कराने के लिए समुचित पैसे नहीं है।
संजय शर्मा का कहना है कि वह कई बार एसडीएम से इस साधनविहीन बीमार वृद्धा की सहायता हेतु गुहार लगा चुके हैं जब कोई कार्रवाई न हुई तो मजबूरन उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा। दिलचस्प बात यह है कि बुजुर्ग महिला दिव्यांग है, लेकिन पंचायत ने भी उसके लिए पेंशन की सिफारिश नहीं की। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई कि हिम्मती देवी अभावों के कारण अपनी बाकी बची जिंदगी को तिल तिल कर गुजार रही है जिसकी सहायता करना मानवीय धर्म है।
उनकी दोनों टांगे आठ वर्षों से सीधी नहीं हो सकी और न ही करवट ले सकती हैं। पीठ में दो बड़े-बड़े फोड़े हैं, जिनमें असहनीय दर्द होता है। जब उनको नहलाया जाता है तो गांव की तीन चार औरतों को सहायता के लिए बुलाना पड़ता है। उधर हिम्मती देवी के पुत्र देश राज का कहना है कि उनकी आय इतनी नहीं कि मां के लिए महंगी दवा खरीद सके। गांव में मेहनत मजदूरी करके रोजी रोटी का ही जुगाड़ हो पाता है।
बुजुर्ग महिला हिम्मती देवी का मामला मेरे संज्ञान में लाया गया है। मैंने कुछ दिन पूर्व ही कार्यभार संभाला है। उनके आधार कार्ड और वोटर आईडी बनाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। वृद्धावस्था अथवा दिव्यांग पेंशन के अलावा और क्या सहायता की जा सकती है, इसके लिए गंभीर प्रयास किए जाएंगे। मुकेश रेपस्वाल, मण्डलाधिकारी(ना) धर्मपुर