शिमला (एमबीएम न्यूज़) : हिमाचल में विपक्षी दल भाजपा 50 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रही है। अधिकांश एग्जिट पोल में भी भाजपा की बड़ी जीत की संभावना बताते हुए 50 सीटें जीतने की भविष्यवाणी की है, मगर राज्य के विधानसभा के चुनाव इतिहास पर नजर डालें, तो यह इतना आसान नहीं है। अतीत पर नजर डालें तो 50 से ज्यादा सीटें जीतने का रिकार्ड कांग्रेस और जनता पार्टी के नाम है।
भाजपा एक बार भी 50 सीटें नहीं जीत पाई हैं। कांग्रेस ने तीन बार तो जनता ने एक बार यह करिश्मा करके दिखाया। वर्ष 1985 के चुनाव में कांग्रेस ने 58 सीटें जीतकर रिकार्ड बनाया था। यह रिकार्ड आज तक कायम है। उस समय भाजपा महज 7 सीटों पर ही सिमट गई थी। साल 1972 के चुनाव में कांग्रेस को 53 और साल 1993 के चुनाव में 52 सीटें मिली थीं। साल 1977 के चुनाव जनता पार्टी ने 53 सीटें हासिल की थीं और तब कांग्रेस दोहरे अंक का आंकड़ा भी नहीं छू पाई थी।
भाजपा का अधिकतम सीटों का आंकड़ा 46 सीटों का है, जो उसे साल 1990 के चुनाव में मिली थीं। साल 1993 के बाद हुए सभी विधानसभा चुनाव में कोई भी दल 50 सीटें जीतने में कामयाब नहीं रहा है। साल 2003 के चुनाव में कांग्रेस ने 43 सीटें औरे साल 2007 के चुनाव में भाजपा ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
40 से अधिक और 50 से कम सीटों की बात करें, तो ऐसा सिर्फ तीन बार हुआ है। दो बार भाजपा और एक बार कांग्रेस के नाम यह रिकार्ड है। साल 1990 और 2007 के चुनाव में भाजपा ने 46 व 41 सीटें जीतीं, तो कांग्रेस ने साल 2003 के चुनाव में 43 सीटें हासिल की थीं। मत प्रतिशतता की बात करेें, तो सर्वाधिक मत प्रतिशत हासिल करने का रिकार्ड कांग्रेस के नाम है। कांग्रेस ने 1985 के चुनाव में 55.81 प्रतिशत मत हासिल किए थे।