बिलासपुर (अभिषेक मिश्रा) : तहसीलदार पद पर कार्यरत जीत राम भारद्वाज की अचानक हुई मौत में एक नया मोड़ सामने आया है। बताया जा रहा है कि तहसीलदार का मंगलवार को दिन के समय एक व्यक्ति के साथ अपने कार्य को लेकर बहसबाजी हुई है। यह बहस काफी देर तक चलती रही। हालांकि अभी तक बहस हुए व्यक्ति के बारे कुछ पता नहीं लगा है, परंतु पुलिस का कहना है कि घरवालों की तरफ से अगर कोई शिकायत आती है तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस मौत में अभी तक जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी बहस हुए व्यक्ति की पहचान के बारे नहीं बता पा रहा है।
बता दें कि मंगलवार दोपहर के समय रोजमर्रा की तरह अपने कार्य में व्यस्त थे। इस दौरान उक्त समय पर किसी काम को लेकर तहसीलदार की व्यक्ति से बहसबाजी हो गई और तहसीदार ब्लड प्रेशर बीमारी से ग्रसित का BP बढ़ गया था। इस दौरान तकरीबन चार और पांच बजे के बीच तहसीलदार को अचानक हार्ड अटैक पड़ा, जिससे वह मौके पर बेहोश हो गए। उक्त समय पर मौके पर मौजूद कर्मचारियों और अधिकारियों की मदद से उन्हें जोनल अस्पताल बिलासपुर पहुंचाया गया। परंतु जब डाक्टर द्वारा उनकी जांच की उससे पहले उनकी मृत्यु हो गई थी। इस दौरान अंत में इस मामले में क्या होगा अब यह कहना मुश्किल है।
उपायुक्त कार्यालय में कार्यरत तहसीलदार सदर बिलासपुर जीतराम भारद्वाज की गत दिवस हृदय गति रूकने से अकस्मात हुई मृत्यु पर शोक व्यक्त करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा बचत भवन में उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर की अध्यक्षता में दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए दो मिनट मौन रखा गया।
इस अवसर पर उपायुक्त ने दिवंगत आत्मा के प्रति सांतवना प्रकट करते हुए बताया कि जीतराम भारद्वाज बहुत ही ईमानदार व मेहनती अधिकारी थे और अपने कार्य के प्रति सदा ही निष्टावान रहे है, उनकी अचानक हुई मौत से बहुत आघात पहुंचा है परमात्मा उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे और उनके परिवार को इस दुःख की घड़ी में सहनशक्ति प्रदान करें।
उन्होंने बताया कि जीत राम भारद्वाज ने 18 जुलाई 1988 से तकनीकी शिक्षा विभाग में कलर्क के पद से अपनी सेवाऐं आरम्भ की थी और बैजनाथ, ऊना, फतेहपुर तथा शिमला में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाऐं दी । ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि 19 फरवरी 2016 को उन्होंने जिला बिलासपुर में तहसीलदार सदर का पद संभाला और एक साल आठ महीने 14 दिन तक उन्होंने अपनी सेवा इस जिला के लिए प्रदान की है।
उन्होंने बताया कि जीतराम भारद्वाज का आज उनके पैतृक गांव चरखड़ी, डाकखाना परेसी तहसील करसोग जिला मण्डी में दाह संस्कार कर दिया गया है और वह अपने पीछे धर्मपत्नि, एक बेटा तथा एक बेटी छोड़ गए है।