पांवटा साहिब (एमबीएम न्यूज): विधानसभा चुनाव की बिसात पूरी तरह से बिछ चुकी है। दिलचस्प यह है कि 14 साल से इस हलके में करनेश जंग व सुखराम चौधरी के बीच ही चुनावी जंग होती आ रही है। लगातार चौथे चुनाव में आमने-सामने हैं। पिछले तीन चुनावों में सुखराम चौधरी ने किरनेश जंग को दो बार मात दी।
2003 में सुखराम चौधरी ने 22,447 मत प्राप्त किए थे, जबकि किरनेश जंग को 16,785 मत प्राप्त हुए थे। 2007 में भी जंग हार गए। सुखराम को 29,322 व किरनेश को 24,460 मत पड़े थे। 2012 के जंग का कांग्रेस ने टिकट काट दिया। निर्दलीय मैदान में उतरे तो मात्र 790 मतों के अंतर से सुखराम चौधरी को हराने में कामयाब हुए थे। 1977 के बाद का इतिहास देखा जाए तो बाहती बिरादरी से चार बार विधायक चुना गया है।
यहां की राजनीति में स्व. रतन सिंह का नाम भी अहम रहा है, लेकिन उनके परिवार से पोते हरप्रीत ने राजनीति में प्रयास तो काफी किए, लेकिन जनता के बीच पैठ न होने के कारण कभी भी टिकट की दौड़ की अग्रणी पंक्ति में नहीं आ सके। 1985 व 1982 में कुश परमार भी सफल रहे थे। यह हलका कुछ मायनों में अहम इस कारण भी है, क्योंकि उत्तराखंड व हरियाणा की सीमाएं साथ लगती हैं।
इसके अलावा सूबे में पांवटा साहिब को एक अमीर शहर भी कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए। बहरहाल किरनेश जंग चौधरी द्वारा सीएम वीरभद्र सिंह के चेहरे का फायदा लेने की कोशिश की जा रही है, जबकि पूर्व मुख्य संसदीय सचिव सुखराम चौधरी अपने चिर-परिचित अंदाज में आम आदमी की तरह खुद को प्रोजैक्ट कर रहे हैं।