शिमला (एमबीएम न्यूज) : हिमाचल प्रदेश पीटीए शिक्षक संघर्ष मंच के प्रदेशाध्यक्ष पंकज कुमार, महिला प्रकोष्ठ की राज्य अध्यक्ष छवि सूद, राज्य उपाध्यक्ष दिनेश पटियाल, महासचिव राजपूत संजीव ठाकुर, मुख्य सलाहकार नरेंदर शर्मा, राज्य कोषाध्यक्ष रविकांत शर्मा, संयोजक कासिम खान, सहसचिव अमित शर्मा, सिरमौर जिला सयोंजक अश्वनी ठाकुर, सिरमौर जिला अध्यक्ष विनोद गौतम ,सचिव विनीता ठाकुर, बिलासपुर जिला संयोजक सुनील गौतम, कांगड़ा प्रभारी शिवनंदन धीमान, जिलाध्यक्ष कांगड़ा अशोक क्लोत्रा, महासचिव नवीन गुलेरिया, जिलाध्यक्ष चम्बा नीरज चौहान, जिलाध्यक्ष हमीरपुर संजीव शास्त्री, उपाध्यक्ष पवन लखनपाल आदि पदाधिकारियों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए प्रदेश सरकार से मांग की है कि सरकार आगामी 5 सितम्बर की केबिनेट में अनुबन्ध पीटीए अध्यापकों को सशर्त नियमितीकरण का बहुप्रतीक्षित निर्णय लेकर हजारों अध्यापकों के हित को सुरक्षित करे।
संघर्ष मंच ने सरकार के लेफ्ट आउट पैरा टीचर को नियमित करने के निर्णय का स्वागत करते हुए विभाग से जल्द नियमितीकरण की लिस्ट जारी करने का अनुरोध किया और कहा कि कुछ कथित यूनियन के स्वयंभू नेताओं के पैरा के नियमितीकरण के सम्बंध में कथित विरोध से 7000 पीटीए अध्यापक कोई इतेफाक नही रखते और सरकार और विभाग के नियमितीकरण के निर्णय का स्वागत करते है। संघर्ष मंच ने एक बार फिर से अपनी मांग को दोहराते हुए कहा कि सरकार चुनावी वर्ष में अनुबन्ध पीटीए अध्यापकों के हित में ये महत्वपूर्ण कदम उठाती है तो सरकार का ये निर्णय मिशन रिपीट में मील का पत्थर सावित हो सकता है और चुनावों में गेम चेंजर की भूमिका निभा सकता है क्योंकि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह स्वयं 2012 में सत्ता में आते ही नियमित करने का वायदा किया था।
गौरतलव है कि सरकार तो बनी पर वो वायदा सरकार के कार्यकाल के आखिरी महीनों में भी अभी तक पूरा नही हो सका है। अगर सरकार आगामी मंत्रीमण्डल की महत्वपूर्ण बैठक में इस पर निर्णय लेती है तो इससे उनका इस संदर्भ में किया वायदा पूरा हो जायेगा। संघर्ष मंच ने सरकार से मांग की है कि संघर्ष मंच द्वारा पिछले 3 साल से लगातार उठाई जा रही मांग को पूरा करते हुए अनुबंध पीटीए अध्यापकों को अगस्त 2013 में विधानसभा के किये गए ऐलान अनुसार जिसमे सरकार की तरफ से कहा गया था कि पीटीए अध्यापकों को डेढ़ वर्ष के अनुबन्ध के बाद नियमित किया जायेगा, सरकार रेट्रोस्पेक्टरी नियम के तहत पिछली सेवाओं को मद्देनजऱ रखते हुए जल्द सशर्त नियमित करके अपने वायदे को निभाए। पदाधिकारियों ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि हमसे किये वायदे अनुसार सरकार इस कैबिनेट मीटिंग में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए अध्यापकों के पिछले डेढ़ दशक के शोषण से मुक्ति दिलवाएगी और संघर्ष मंच की पिछले 3 सालों से चली आ रही मांग पूरा करेगी।
संघर्ष मंच के पदाधिकारियों ने कहा है कि 12 साल की सेवाओं के बाद भी अपने भविष्य को लेकर भारी मानसिक दबाव एवं जिंदगी के सबसे कठिनतम दौर से गुजर रहे पीटीए अध्यापकों ने सरकार से हजारों परिवारों के घरों को न उजाडऩे जा विशेष आग्रह किया है और उम्मीद जताई की इस पर सरकार और राजनीतिक दल राजनीती से ऊपर उठकर जनहित में जल्द उचित निर्णय लेंगे क्योंकि राजनितिक दलों के लिए ये राजनितिक मुद्दा हो सकता है लेकिन हजारों अध्यापक परिवारों के लिए ये सिर्फ रोजी रोटी और मान सम्मान को बचाने की जंग है । संघर्ष मंच के पदाधिकारियों ने दावा किया कि हम सरकार के लगातार संपर्क में हैं और अगर सरकार संघर्ष मंच की मांग अनुसार अध्यापकों से किया वायदा निभाती है तो जल्द ही समस्त पीटीए अध्यापक परिवार मिशन रिपीट में सरकार का खुला समर्थन करने का ऐलान करेंगे ।