हमीरपुर (एमबीएम न्यूज़) : यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस प्रदेश को पूरे विश्व में देवभूमि और वीरभूमि की ख्याति प्राप्त थी आज उस प्रदेश को भ्रष्टाचार और माफियाराज के नाम से जाना जाता है। आज पूरे प्रदेश में प्रजातंत्र और राजतंत्र के बजाए माफिया राज दिखाई देता है। यह संवाद अरूण धूमल ने हमीरपुर में कहे। उन्होंने एनआरआई से 23 करोड़ रूपये की ठगी की एफआईआर का खुलासा हमीरपुर में किया है । उन्होने बताया कि यह कारनामा मुख्यमंत्री के एंजेंट ने किया है।
मुख्यमंत्री के एंजेंट ने कारनामे करके कंडाघाट में साढे तीन करोड़ की जमीन एक एनआरआई को 23 करोड़ में दे डाली। इसकी शिकायत एनआरआई ने फरीदाबाद थाने में की है। इसका मतलब साफ है कि करोड़ो की इस राशि में मुख्यमंत्री का शेयर था और वह शेयर उन तक पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस पर जवाब देना चाहिए। अरूण ने कहा कि
कुछ दिनों पहले सीबीआई द्वारा प्रदेश के एक अधिकारी पर भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी की एफ0आई0आर0 दर्ज की गई और उस एफआईआर में स्पष्ट है कि रिश्वत का वो पैसा मुख्यमंत्री के ओएसडी ) रघुवषी को दिया जाना था। आज पूरे प्रदेश में इस सरकार के मन्त्रियों और अधिकारियों को मुख्यमंत्री के एजैंटस के रूप में देखा जाता है जो मुख्यमन्त्री के लिये पैसा इकट्ठा करते हैं। उन्होने कहा कि जो फरीदाबाद में दर्ज हुई एफआईआर के अनुसार फ्लोरिडा के एक एनआरआई से कंडाघाट में जमीन के लेन देन को ले कर धोखाधड़ी हुई। जिस जमीन का सौदा 3.5 करोड़ में हो चुका था, उस जमीन को इसका मतलब साफ है कि करोड़ो की इस राशि में मुख्यमंत्री का शेयर था और वह शेयर उनतक पहुंचाया गया।
नियम 118 के अंतर्गत अनुमति दिलाने के बदले और मुख्यमन्त्री से संबंधों के नाते इस एनआरआई को 23 करोड़ का बताकर धोखा किया गया । मुख्यमंत्री और उनके मंत्रीमण्डल के सहयोगी की संलिप्तता इसमें स्पष्ट है और करोड़ों रूपये की घूस लेकर एक एन0आर0आई0 से धोखा किया गया जो प्रदेश में निवेश करना चाहता था ।