सोलन (एमबीएम न्यूज) : भाजपा पार्षदों के बीच भडक़ी विद्रोह की चिंगारी ने शुक्रवार को सोलन नगर परिषद अध्यक्ष पवन गुप्ता को 10-5 के अंतर से हटा दिया है। लिहाजा आज से पवन गुप्ता नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष हो गए हैं। अविश्वास प्रस्ताव पर बुलाई गई बैठक में गुप्ता को 15 में से महज 5 ही वोट मिले। जबकि विपक्ष में 10 थे।
उल्लेखनीय है कि नगर परिषद में 15 में से 11 पार्षद भाजपा के ही समर्थित हैं। शुक्रवार को एसडीएम सोलन की अध्यक्षता में हुए चुनाव के बाद अब पवन गुप्ता को अध्यक्ष की कुर्सी से हटना होगा और आगामी 30 दिनों के भीतर नए अध्यक्ष का चुनाव करने का समय दिया गया है। गौरतलब है कि पदच्युत पवन गुप्ता को भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता व विधायक डॉ. राजीव बिंदल का करीबी माना जाता है।
27 मई को फूटा था पार्षदों का गुस्सा
नगर परिषद अध्यक्ष की खिलाफत का गुबार भाजपा पार्षदों ने 27 मई को उगला था। भाजपा के पार्षदों ने अपने ही अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोला और डीसी आफिस में जाकर अविश्वास मत लाया था। इस दौरान भाजपा समर्थित नगर परिषद की उपाध्यक्ष मीरा आनंद समेत 10 पार्षदों ने अध्यक्ष के खिलाफ दस्तख्त किए गए। इसमें तीन पार्षद कांग्रेस समर्थित थे। इसके बाद कांग्रेस समर्थित दो अन्य पार्षदों पार्वती तनवर व पुनीत शर्मा ने भी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया। इस बीच कांग्रेस की एक पार्षद कृष्णा भाजपा में शामिल होकर पवन गुप्ता के पाले में आ गई। अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में भाजपा समर्थित पार्षद मीरा आनंद, देवेंद्र ठाकुर, सुषमा शर्मा, मुकेश वर्मा, नीलम, प्रियंका, सोना नाहर के अलावा कांग्रेस समर्थित पार्षद सत्या वर्मा, सुलक्षणा देवी, पार्वती तनवर व पुनीत शर्मा शामिल हैं, जबकि मधु कौशिक, शशी इंद्र आहलुवालिया शुरू से पवन गुप्ता का समर्थन कर रहे हैं। अविश्वास प्रस्ताव में शामिल रही पार्षद कृष्णा ने भाजपा में शामिल होकर पवन गुप्ता को समर्थन दे दिया। वहीं पवन गुप्ता तीन विश्वस्त पार्षदों के अलावा एक अतिरिक्त वोट हासिल करने में कामयाब रहे।
एसडीएम सोलन एकता कापटा ने बताया कि नगर परिषद अध्यक्ष की कुर्सी के लिए शुक्रवार को सभी पार्षदों ने अपना मत रखा। इसमें नगर परिषद अध्यक्ष पवन गुप्ता के पक्ष में 15 में से मात्र पांच ही पार्षद जुट पाए जबकि 10 पार्षदों ने अविश्वास मत पेश किया है। सभी पार्षदों को अब अगले 30 दिनों के भीतर अध्यक्ष का चुनाव करना होगा।