हमीरपुर (एमबीएम न्यूज़): स्कूल में सामने आ रहे यौन उत्पीडऩ के मामलो पर शिक्षा विभाग गंभीर हो गया है। विभाग ने स्कूल यौन-उत्पीडऩ कमेटी को बच्चों के साथ हर सप्ताह वार्तालाप करने के आदेश जारी किए हैं। आदेश में कहा गया है कि शारीरिक हार्मोन्स की तबदीली के चलते बच्चों में शर्मिदगी बढ़ जाती है। इस झिझक को दूर करने में यौन-उत्पीडऩ कमेटी को अहम भूमिका निभानी होगी।
यदि स्कूल में यदि किसी स्टाफ कर्मचारी द्वारा बच्चों पर यौन शोषण की कोशिश कर जाए तो ऐसे मामले दबने की बजाए तुरंत शिक्षा विभाग के अधिकारियो के समक्ष पहुंचें तथा समय पर कार्रवाई की जा सके। सीसे स्कूल भरेड़ी में स्कूल प्रधानाचार्य पर छात्रा द्वारा लगाए गए आरोपो के बाद यह निर्देश जारी हुए हैं। यदि किसी स्कूल में पुराना यौन-उत्पीडऩ का मामला उजागर होता है तो इस पर स्कूल यौन-उत्पीडऩ कमेटी भी कार्रवाई की जद में आएगी।
यहां बता दे कि हर स्कूल में शिक्षा विभाग ने यौन-उत्पीडऩ कमेटी का गठन किया है। कमेटी में स्टाफ के ही महिला व पुरूष कर्मचारियों को शामिल किया गया है। हर स्कूल की इस कमेटी की पहले बैठक तीन माह में होना तय की गई है। इस बैठक के दौरान सामने आने वाले मामलो की तमाम रिपोर्ट उच्चाधिकारियो को भेजना तय हुई है। लेकिन इसमें अब कुछ फेरबदल जिला के स्कूलों में किया गया है। इसका कारण भरेड़ी स्कूल में सामने आए यौन-उत्पीडऩ का मामला है।
कमेटी को अब हर सप्ताह स्कूल में बच्चों के साथ मेत्री पूर्ण चर्चा करनी होगी। इस चर्चा के दौरान बच्चों को दिए गए अधिकारों की जानकारी देने के साथ-साथ उनके भीतर पैदा हो रही शर्मिदंगी को भी दूर करना होगा। कुल मिलाकर यदि किसी स्कूल में स्टाफ या सहपाठी छात्र या छात्रा के साथ अश्लील शरारत करता है तो तुरंत इसकी सूचना विद्यार्थी कमेटी के सदस्यों को दे।
इसकी पुष्टि उप-निदेशक सोम दत्त संख्यान ने की है। उनका कहना है कि स्कूल यौन-उत्पीडऩ कमेटी को बच्चों के साथ मेत्रीपूर्ण संबंध बनाने के साथ साथ उनमें आने वाली झिझक को दूर करने की जिम्मेबारी है। हर सप्ताह कमेटीयों को इसकी सारी जानकारी देने के निर्देश जारी किए गए है।