– हरियाणा में नहीं मिलती बहूएं, सिरमौर में ढूंढी जाती है पुत्रवधू
शैलेंद्र कालरा
नाहन – पडोसी राज्य हरियाणा में बेटियों को क्यों संसार में आंखें नहीं खोलने दिया जा रहा है। यह बात बिन कहे भी समझ आ सकती है। लेकिन यह तय है कि हरियाणा के बेटों के लिए हिमाचल के दुर्गम क्षेत्रों खासकर सिरमौर जिला के ट्रांसगिरी क्षेत्रों से गरीब परिवारों की बेटियों को पुत्रवधू बनाने के लिए तलाश किया जाता है। दरअसल डेढ दशक से यह बात कई बार मिडिया की सुर्खियां बन चुकी है कि सिरमौर की बेटियों को अन्य राज्यों में बेचने के लिए सौदेबाजी होती है। लेकिन एक हकीकत यह भी है कि हरियाणा में बेटो के लिए दुल्हन नहीं मिल रही है इस कारण हरियाणा के दुल्हे पहाडी राज्य की धरती पर दुल्हन ढूंढते है। पुलिस की मानें तो 10 सालों में एक भी मामले में यह बात साबित नहीं हो पाई कि बेटी को परायों के हाथ में बेच दिया गया। यह जरूर है कि कई शिकायतों पर पुलिस ने जांच की। अगस्त 2013 में मानव तस्करी के खिलाफ एक सैल का गठन हुआ था। एसपी सौम्या का कहना है कि अब तक मानव तस्करी का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। हाल ही में रेणुका जी के कोटी धीमान से एक नाबालिग बच्ची का बाल विवाह हरियाणा में करवाने का मामला जरूर सामने आया था। इस मामले में पुलिस ने 6 गिरफतारियां की है। इसमें बच्ची का पिता भी शामिल है। शुक्रवार को नवनियुक्त एसपी ने एक पत्रकारवार्ता बुलाई थी। इस दौरान मौजूद पुलिस अधिकारियों ने इस बात को स्वीकार किया था कि हरियाणा में लडकियों की संख्या कम होने के कारण बेटे की शादी के लिए पुत्रवधू को ढूंढा जाता है। आंकडों के मुताबिक हरियाणा में 1000 लडकों की तुलना में 857 लडकियां है जबकि हिमाचल में यह आंकडा 939 है। सनद रहे कि हरियाणा में घटते लिंगानुपात के कारण ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लडकियों को बचाने का अभियान 21 जनवरी को पानीपत से शुरू किया था।
कैसे होता है दुल्हन के लिए संपर्क
हालांकि सीधे तौर पर पुलिस इस बात की पुष्टि नहीं करती है कि हरियाणा में गरीब लडकियों की शादी करवाने के लिए दलाल सक्रिय होते है, लेकिन इसकी अटकलें हमेशा रहती है। इसके तहत गरीब परिवार को कुछ धन देकर बेटी की शादी करवा दी जाती है। इसे बेटी को बेचना माना जाता है। कई मामलों में लडकियां ससुराल छोडकर वापिस अपने मायके भी आ जाती है। इस मामले में पुलिस तभी सख्त कार्रवाई करने की स्थिति में होती है जब बेटी नाबालिग हो और उसे ससुरालवालों को सौंप दिया जाए।