एस चौहान, फागू – एक ओर जहां केंद्र और प्रदेश सरकार, किसानों की हिमायती बनने की कोशिश कर रही है वहीं दूसरी ओर प्रदेश के किसानों की रीढ़, ‘‘उठाऊ सिंचाई योजनाओं’’ को स्थानीय समितियों के हवाले करने की बेतुकी एवं घाटेवाली मुहिम चलाए हुए है। यदि आईपीएच विभाग की बात सही मानी जाए तो राजगढ़ में आधे से अधिक योजनाओं को स्थानीय कृषि विकास (केवीएस) समितियों के हवाले कर दिया गया है। इसी संदर्भ में ‘फागू केवीएस’ प्रधान एसजे चौहान की अध्यक्षता में एक बैठक हुई जिसमें आईपीएच विभाग के नए फरमानों को लेकर चर्चा की गई। हालांकि अभी तक यह कार्य जुबानी जमाखर्च पर चल रहा है परन्तु विभाग के अनुसार, इस योजना के आरंभ में ही किसान समितियों से एमओयू पर हस्ताक्षर करवा लिए गए थे जिसके अनुसार विभाग कभी भी इन योजनाओं को, किसान समितियों के हवाले कर सकता है। इस नए फरमान को अमलीजामा पहनाने के लिए विभाग ने हर ‘लिफ्ट इर्रीगेशन स्कीम’ को अपना पंप आपरेटर नियुक्त करने के ‘वर्बल आर्डर’ जारी करके, विभागीय आपरेटर हटाने शुरू कर दिए हैं। उनके इसी तानाशाही दबाव के चलते, अपनी फसलों के खराब हो जाने के डर से कई समितियों ने अपने आपरेटर रखने आरंभ भी कर दिए हैं। इसी संदर्भ में फागू सिंचाई योजना कई दिनों से बंद पड़ी हुई थी क्योंकि उन्होंने अपना आपरेटर नहीं रखा था और न ही पंप को समिति के तहत लाया गया था। समिति की इस अवहेलना को देखते हुए एसडीओ आईपीएच राजगढ़ एसके गुप्ता ने, मौखिक आदेश देकर, विभागीय पंप आपरेटर को लिफ्ट न चलाने का हुक्म जारी कर दिया। इस अप्रत्याशित प्रक्रिया के चलते पानी न मिलने के कारण, खेतों में लगी, किसानों के टमाटर की पौध, सूखने लगी। प्रभावित किसानों ने समिति के अध्यक्ष से इस अचानक मुसीबत के बारे में अवगत कराया तो उन्होंने इस बारे में एसडीओ आईपीएच राजगढ़ से बात की। उन्होंने बताया कि ऐसे आदेश उच्चाधिकारियों से प्राप्त हुए हैं जिसका विभाग पालन कर कर रहा है। उन्होंने अपनी मजबूरी बताते हुए कहा कि उक्त समितियों को हर हाल में, अपने पंप आपरेटर रखने ही पड़ेंगे। ज्ञात रहे, यहां यह दोहरे मापदंड सामने दिखाई दे रहे हैं कि कहां तो एक ओर विभाग ने योजना के आरंभ में संबंधित पंपों पर प्रशिक्षित आपरेटर रखे थे जो बाद में विभागीय अप्रशिक्षित दैनिकभोगियों को थमा दिए गए थे और कहां आज एक ले-मैन को लाखों रू0 की मशीनरी सौंपने की प्रक्रिया में जुटे हुए हैं। इस बेतुके स्थानांन्तरण से किसानों का पैसा और समय तो बर्बाद होगा ही साथ में मशीनरी का भी नुकसान होगा। इस बारे में फागू के किसानों मोहनदत्त शर्मा, नरेंद्र, रविंदर, सुनील, अनिल, विकास आदि ने सरकार से अनुरोध किया है कि वे इस किसान विरोधी कार्यवाही को रोक दे और पूर्वस्थिति बहाल रखे।