दिनेश कुंडलस/शिमला
लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व भगवा ब्रिगेड के लिए लोकसभा चुनावो में अपने दुर्ग को बचाने की चुनौती है। भाजपा 2014 के चुनावो में क्लीन स्वीप कर चारों सीटें जीतने में पहली बार सफल हुई थी। उस समय देश में चल रही मोदी लहर का फायदा भाजपा को मिला था। इस बार स्थितियां बदली हुई हैं। हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर फ्रंट फुट पर आकर एक अच्छे फिनिशर की तरह कांग्रेस को धोने की कोशिश में लगे हैं।
एक साल के कार्यकाल के दौरान जयराम ठाकुर ने प्रदेश के 68 विधानसभा क्षेत्रों का तूफानी दौरा कर विकास में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। उन्हें पता है कि लोकसभा चुनाव उनकी कार्य कुशलता का लिटमस टैस्ट साबित होंगे। क्योंकि आलाकमान ने उन्हें फ्री हैंड दे रखा है। मंडी में भाजपा एक हद तक काफी मजबूत है। यह मुख्यमंत्री की गृह सीट है। विधानसभा चुनावो में यहां बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन कर सारी सीटें जीती थी। अगर पंडित सुखराम के पौत्र आश्रय शर्मा व पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बीच मंडी में मुकाबला होता है तो चुनाव बेहद ही दिलचस्प हो जाएगा।
हमीरपुर सीट पर भी भाजपा काफी सुरक्षित है। पूर्व सीएम धूमल के अलावा केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा भी यहां अनुराग ठाकुर के लिए तारणहार सिद्ध होंगे। भले ही कांग्रेस के पास यहां मजबूत प्रत्याशी नहीं है, मगर भाजपा के पूर्व सांसद सुरेश चंदेल पर कांग्रेस नजरें टिकाए बैठी है। अगर सुरेश चंदेल कांग्रेस में शामिल हो गए तो अनुराग के लिए डगर कठिन हो जाएगी। भाजपा को कांगड़ा व शिमला संसदीय सीट पर दिक्कतें आ सकती हैं।
कांगड़ा में शांता कुमार के लिए भी चुनौतियां कम नहीं हैं। कांगड़ा सीट पर ओबीसी तबके का बड़ा वोट बैंक है। रमेश ध्वाला यदि खुलकर शांता का साथ नहीं देंगे तो यहां कांग्रेस को फायदा मिल सकता है। अभी तक कांगड़ा से किसी और नाम की चर्चा भी नहीं है। कांग्रेस में कांगड़ा से चंद्र कुमार सशक्त उम्मीदवार हैं। उनके अलावा कोई अन्य नेता चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक नहीं है।
शिमला संसदीय सीट पर निवर्तमान सांसद वीरेंद्र कश्यप का रिपोर्ट कार्ड ज्यादा अच्छा नहीं है। शिमला सीट पर वीरभद्र सिंह को काफी प्रभावी माना जाता है। भाजपा यदि यहां उम्मीदवार बदलती है तो परिस्थितियां भाजपा के अनुकूल हो सकती हैं। वहीं कांग्रेस में भी फ़िलहाल कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है।
मंडी से वीरभद्र सिंह या विक्रमादित्य, हमीरपुर से मुकेश अग्निहोत्री, कांगड़ा से आशा कुमारी, जीएस बाली या चंद्र कुमार को मौका मिला तो कांग्रेस अच्छी तरह से भाजपा का मुकाबला कर पाएगी। शिमला सीट से धनीराम शांडिल के अलावा विनोद सुल्तानपुरी ही ऐसे उम्मीदवार हैं, जो चुनावी वैतरणी में कांग्रेस की नैया पार लगा सकते हैं।