शिमला/मंडी (शैलेंद्र कालरा/वी कुमार): चेहरे पर झुर्रियां। आंखों पर चश्मा। सिर पर ढाठू। 79 साल की बूढ़ी मां बृकु देवी को खबर मिली, बेटा जयराम ठाकुर प्रदेश का मुख्यमंत्री बन गया है। तो मां की आंखों में खुशी के आंसू स्वाभाविक थे। भोलेपन में पहली प्रतिक्रिया में बोली, मेरा बेटा अब पूरे प्रदेश का विधायक बन गया है। बूढ़ी मां की आंखों में एक अतीत भी था। काश! बेटे की इस कामयाबी को देखने के लिए आज पिता जीवित होते। बोली, मजदूरी कर पति ने परिवार को आज इस मुकाम पर पहुंचा दिया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहे जयराम ठाकुर के पिता का देहांत 25 दिसंबर 2016 को हुआ था। मां कहती है कि परिवार ने बड़ी गरीबी देखी है। दिवंगत जेठू राम एक काष्ठकुणी शैली के कारीगर थे। बूढ़ी मां कहती है कि उनके पति ने बैहली(एक तरह का लकड़ी छीलने वाला यंत्र) से परिवार का बोझ उठाया है। जंजैहली से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर सराज विधानसभा क्षेत्र की मुरहाग पंचायत का तांदी गांव आज पूरे प्रदेश में कुछ खास हो चुका है। विधायक दल के नेता चुने गए जयराम ठाकुर की मां को बधाईयां देने का सिलसिला जारी है।
साल 1995 में जयराम ठाकुर की शादी जयपुर की डॉ. साधना सिंह से हुई थी। मुख्यमंत्री बनने जा रहे जयराम की दो बेटियां हैं। बड़े भाई बीरी सिंह बताते हैं कि परिवार के सदस्यों ने जयराम को भी राजनीति में न जाकर खेतीबाड़ी संभालने की सलाह दी थी। परिवार में तीन भाई व दो बहनें हैं। भाईयों में सबसे छोटे हैं। कुराणी माध्यमिक पाठशाला भी खास हो चुकी है, क्योंकि इसी स्कूल में जयराम ने प्रारंभिक पढ़ाई पूरी की थी।