मंडी (वी कुमार ): चुनावों की तारीख घोषित होने के साथ ही शुरू होने वाला अफसरी राज व उनकी आजादी का आज यानी रविवार को आखिरी दिन है क्योंकि सोमवार को जैसे जैसे दिन चढ़ेगा, पल बीतेंगे, दिन आगे खिसकेगा यह सपष्ट होता जाएगा कि प्रदेश में अगला राज किसका होगा। राज भाजपा को मिले या कांग्रेस को मगर जनता द्वारा चुनी हुई सरकार ही राज करेगी और पिछले 67 दिनों से जो अफसरों का अपना राज व आजादी चुनावों के दौरान होती है वह खत्म हो जाएगी क्योंकि फिर नेताओं के हुक्म ही सिरमाथे होंगे जैसे कि एक पंरपरा बनी है। इसके साथ ही प्रदेश के मतदाता व आम जनता जो मतदान के बाद असमंजस व पशोपेश में है, जिसने आज दिन तक भी खुल कर मुंह नहीं खोला है उनकी असमंजस भी खत्म हो जाएगी। 40 दिन का लंबा अंतराल नेताओं ने ही नहीं मतदाताओं ने भी दिन गिन गिन कर काटा है।
नेताओं ने तो घंटे मिनट भी गिने होंगे मगर इतना समय निकालना किसी के लिए भी आसान नहीं होता। अब सोमवार को एक एक करके सारे बादल उसी तरह से छंट जाएंगे जैसे प्रदेश के लोगों ने इसी बीते सप्ताह में चार दिन बाद सूरज देखा है। मंडी जिले की बात करें तो इस बार लग रहा है कि जिले को दस में से कम से कम तीन विधायक नए मिलेंगे। यह विधायक किसी भी दल के हो सकते हैं मगर जो हालात बने हैं उससे साफ लग रहा है कि कुछ बड़े लुढक सकते हैं और किसी आम के सिर जीत का सेहरा बंध सकता है।
यदि मुकाबले में आए नए चेहरों की बात करें तो इसमें भाजपा की ओर से द्रंग से जवाहर ठाकुर, बल्ह से इंद्र सिंह गांधी व सुंदरनगर से राकेश जमवाल हैं जो पिछली बार भी चुनाव मैदान में थे मगर जीत की दहलीज तक नहीं पहुंच पाए थे। दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से मंडी सदर से चंपा ठाकुर, नाचन से लाल सिंह कौशल, जोगिंद्रनगर से जीवन ठाकुर व सरकाघाट से पवन ठाकुर पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं जबकि धर्मपुर से चंद्र शेखर व सराज से चेत राम ठाकुर पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं मगर जीत अभी तक उन्हें नसीब नहीं हुई है। जहां तक मुकाबले में जा पहुंचे आजाद उम्मीदवारों की बात है तो उनमें पूर्ण चंद ठाकुर व प्रकाश राणा जोगिंदरनगर से हैं जो पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। अब देखना यह है कि इन सब 11 चेहरों में से तीन चेहरे कौन खुशनसीब होंगे जो पहली बार विधानसभा की चौखट एक विधायक के रूप में पार करेंगे। अन्य सभी मुख्य उम्मीदवार कई कई बार चुनाव लड़ते हुए विधायक रह चुके हैं। अब इन नेताओं की धुकधुकी का भी रविवार यानी आज का दिन आखिरी दिन होगा।
यही कारण है कि आज का रविवार अलग तरह का रविवार है जिसमें हर शख्स अजीब सी बैचनी के साथ गुनगुनी धूप का आनंद उठाएगा। अब इन पलों को टीवी के सामने बैठकर भारत श्रीलंका के बीच होने वाले वन डे मैच की एक एक गेंद्र को देख कर काटा जाए या फिर घड़ी की सूईयां देख कर यह जनता व नेताओं पर निर्भर है। खुशियां और गम बांटने का दिन जब आने वाला हो तो भला इससे ठीक पहले का इतवार कुछ खास तो होगा ही जो आज 17 दिसंबर को है।