नाहन (एमबीएम न्यूज) : द त्रिलोकपुर ग्राम सेवा सहकारी सभा समिति में सचिव के पद पर तैनात
रमेश सिंह ने भी जनता का पैसा डकारने में हर्षद मेहता का ही तरीका अपनाया। इसमें सहायक सचिव विशाल भी जद में आ गए है। हालांकि सचिव को कुछ महीने पहले ही निलंबित कर दिया गया था लेकिन ऑडिट जारी रहा। जिसमें अब खुलासा हुआ है कि 2 करोड 47 लाख 94 हजार की राशि का गबन किया गया है।
आप सोच रहें होगें कि निलबिंत सचिव की तुलना हर्षद मेहता से क्यों की जा रही है। यह बताना लाजमी है कि निलबिंत सचिव ने भी जनता के पैसों का गबन करने के लिए कई ऐसे तरीके अपनाए जो चौंकाने वाले है। जनता के धन को खाते में जमा करने की बजाए निलबिंत सचिव द्वारा इस धन का उपयोग खुले बाजार में सूद पर देने के लिए किया जाता था।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने इस घोटाले का खुलासा लगभग दो महीने पहले ही कर दिया था। साथ ही 7 अप्रैल 2017 को ही इस खबर का फॉलोअप प्रकाशित किया था। अब कालाअंब पुलिस में सभा के प्रशासक रामचंद की शिकायत पर आईपीएस की धारा 409 व 420 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
शिकायत में क्या किया गया है खुलासा
इसके मुताबिक सभा में रमेश सिंह की तैनाती 1 फरवरी 1984 को की गई थी जबकि विशाल को सहसचिव की जिम्मेदारी 1 अप्रैल 2013 को दी गई। सहकारी सभा द्वारा अपने सदस्यों को ऋण जारी करने व अमानतों के लेने देन व उपभोक्ता वस्तुओं के क्रय – विक्रय का कार्य किया जाता है। उपभोक्ताओं की राशि के दुरूपयोग के मामले में सचिव को 20 मार्च 2017 को निलंबित किया गया था।
दरअसल कारनामा यह भी है कि सभा के सदस्यों द्वारा ऋण लिया जाता है। जिन्होंने अपनी समय पर ऋण अदायगी कर दी थी। लेकिन सचिव द्वारा इसे लंबित ही दर्शाया जा रहा था। बहरहाल पुलिस ने निलंबित सचिव रमेश सिंह के अलावा सहायक सचिव विशाल के खिलाफ मामला दर्ज किया है। देखना यह है कि पुलिस किस हद तक इस घोटालें की परतें खोलने में कामयाब रह पाती है।