नाहन (एमबीएम न्यूज): “द त्रिलोकपुर ग्राम सेवा सहकारी सभा समिति” में निलंबित सचिव रमेश सिंह ने सदस्यों की जमापूंजी को डकारने की इन्तहा पार की है। फिलहाल ठगी व धोखाधड़ी का आंकड़ा दो करोड़ तक पहुंच गया है। 115 सदस्यों के फर्जी ऋण बनाए जाने से हडक़ंप मचा हुआ है। सिरमौर की नंबर-1 सहकारी सोसायटी खासी चर्चा में है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने सचिव रमेश सिंह के निलंबन की खबर यह बताते हुए प्रकाशित की थी कि 14 लाख के आसपास का गबन हुआ है। लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, गबन की राशि का आंकड़ा बढ़ रहा है, जो फिलहाल दो करोड़ तक पहुंच गया है। सहकारी सभा महकमे के चार निरीक्षक रंगी लाल, राकेश कुमार, जय किशन व रामचंद्र रिकॉर्ड खंगाल रहे हैं। इस टीम का नेतृत्व खुद सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं ओम प्रकाश कर रहे हैं।
कमाल देखिए, सोसायटी के कार्यालय में तैनात सेल्जमैन को ही नहीं बख्शा गया। एमबीएम न्यूज नेटवर्क के कार्यालय में पहुंचकर पीडि़त विकास, सुनील कुमार, मानसिंह व गुरनाम सिंह इत्यादि ने बताया कि उनके नाम पर लाखों रुपए के ऋण दर्शाए गए हैं।
क्या था मॉडस ऑफ ऑपरेंडी…
सोसायटी में बैंकों की तुलना में एफडीआर व अन्य पूंजी पर दो प्रतिशत अधिक ब्याज का प्रलोभन दिया जाता था। चूंकि सोसायटी का सचिव खुद भी त्रिलोकपुर का रहने वाला है, लिहाजा विश्वास भी था। कई सालों से चल रहे इस गोरखधंधे में एकत्रित होने वाली राशि का कुछ हिस्सा को-ऑपरेटिव बैंक में जमा करवा दिया जाता था। जबकि बाकी राशि को खुले बाजार में ब्याज पर देता था।
अचानक ही खुले बाजार में सचिव साहब की पूंजी डूब गई। इसके बाद ऑडिट से बचने के लिए एक नया तरीका ढूंढ लिया। इसके तहत लोगों के नाम पर सोसायटी का कर्जा दिखा दिया गया। कुछ माह पहले एक-दो सदस्यों को इस बात की भनक लगी। इसकी शिकायत हुई। जांच चलती रही। 18 मार्च को सचिव को निलंबित कर दिया गया। साथ ही सहकारी सभा के कार्यालय को कब्जे में ले लिया गया।
इस सोसायटी में तकरीबन 400 सदस्य हैं। हरेक के होश इस बात को लेकर उड़े हुए हैं कि कहीं उनके नाम पर भी कर्ज तो नहीं दिखाया गया है।
यह भी कमाल देखिए…
मामले को लेकर जब हडकंप मचने लगा तो सचिव साहब ने कर्जे की एनओसी जारी करनी शुरू कर दी। सदस्य इस बात को लेकर हैरान है कि जब खुद 18 मार्च को निलंबित हो गया था तो 30 मार्च को रसीदें व एनओसी कैसे जारी कर सकता था। आशंका जताई जा रही है कि गबन की राशि चार करोड़ का आंकड़ा छू सकती है।
क्या कहते हैं सहायक पंजीयक…
सहकारी विभाग के सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं ओम प्रकाश ने गबन की राशि दो करोड़ तक पहुंच जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से रिकॉर्ड की पड़ताल की जा रही है। पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विभाग की जांच पूरी होने के बाद आपराधिक मामला दर्ज करवाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब तक 115 सदस्यों के नाम पर फर्जी तरीके से लोन बनाने की बात सामने आई है।