मंडी, 01 जून : चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर मंडी से पंडोह के बीच 6 और 9 मील के पास पिछली बरसात के गिरे मलबे की वस्तुस्थिति उजागर करने के बाद निर्माण कार्य में जुटी केएमसी कंपनी अब खानापूर्ति करने में जुट गई है। सोमवार को कंपनी प्रबंधन ने 6 मील के पास गिरे मलबे को हटाने की बजाय वहां पर सीमेंट के बैरिकेट्स लगा दिए।
![](http://mbmnewsnetwork.com/wp-content/uploads/2024/07/6-MIL.jpg)
बड़ा सवाल यह है कि क्या यह बैरिकेट्स पहाड़ी से गिरने वाले मलबे को रोकने का उपाय है? अगर सही ढंग से देखा जाए तो एक तरह से कंपनी प्रबंधन यहां पर सिर्फ खानापूर्ति करने में लगा हुआ है और वास्तविक स्थिति पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है। मलबा हटाने की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जबकि मामला दबाने की कोशिश की जा रही है।
बरसात शुरू, 6 व 9 मील के पास अभी भी वैसे ही पड़ा है पिछली बरसात में गिरा मलबा
कंपनी प्रबंधन का काम के प्रति रवैया देखकर ऐसा लगता है जैसे एनएचएआई ने भी इन्हें मनमानी करने की खुली छूट दे रखी है। बरसात का मौसम शुरू हो चुका है और ऐसे में कंपनी प्रबंधन व एनएचएआई (NHAI) लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने का मन बना चुके हैं। यहां पर गिरे मलबे को हटाने और स्लाइडिंग वाले एरिया को प्रोटेक्ट करने के लिए एक वर्ष का समय था। लेकिन न तो एनएचएआई ने इस ओर कोई ध्यान दिया और न ही कंपनी प्रबंधन ने। स्लाइडिंग वाले एरिया पर डंगे लगाने के अलावा अन्य कई विकल्पों के माध्यम से इस स्थान को सुरक्षित बनाने का प्रयास किया जा सकता था लेकिन ऐसा करना तो दूर कंपनी प्रबंधन यहां गिरे मलबे को भी सही ढंग से नहीं उठा पाई।
मंडी से पंडोह के बीच रोजाना सफर करने वालों में इस बात को लेकर भारी आक्रोश है। वहीं, दूसरी तरफ 9 मील की बात करें तो यहां पर कंपनी प्रबंधन अभी तक एक लाइट का ही प्रावधान कर पाई है जबकि इसके अलावा और कोई इंतजाम यहां नजर नहीं आ रहे हैं। वहीं, जब इस बारे में केएमसी के प्रोजेक्ट मैनेजर राज शेखर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि स्लाइडिंग वाले एरिया में व्यवस्थाएं पहले से ठीक हैं और उन्हें और ज्यादा बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है।