शिमला, 5 अगस्त : राजधानी में भूस्खलन का खतरा अभी टला नहीं है। जिला के चलौंठी ढली बाईपास सड़क पर वीरवार को पहाड़ दरक गया। इस घटना में भारी मात्रा में मलबा और पत्थर सड़क पर आ गया। गनीमत ये रही कि उस समय कोई गाड़ी नहीं गुजारी। ऐसे में बड़ा हादसा होने से टल गया। मलबा हटाने में लोकनिर्माण विभाग जुट गया है और मलबे को हटाकर एकतरफा यातायात बहाल हो गया है। डीसी आदित्य नेगी व एसपी ने मौके का निरक्षण किया ओर सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों को हटाने के निर्देश जारी किए।
उपायुक्त आदित्य नेगी ने कहा कि शाम के वक्त भूस्खलन के कारण सड़क पर काफी मलबा आ गया था। इसकी सूचना मिलते ही मौके पर पहुच कर मलबा हटा दिया गया है। उन्होंने इस जगह से गुजरते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी। खासकर रात को इस मार्ग से न गुजरने की अपील की।
दरअसल इस सड़क पर वाहनों की भारी आवाजाही रहती है। घटना के वक्त जैसे ही पहाड़ी से पत्थर और मलबा गिरना शुरू हुआ तो वाहनों को लोगों ने रोक दिया अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं में गुरूवार को तीन लोगों की मौत हो गई। किन्नौर, ऊना और लाहौल-स्पीति में एक-एक व्यक्ति की जान गई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार किन्नौर व ऊना जिलों में सड़क दुर्घटनाओं और लाहौल-स्पीति में फ्लैश फ्लड में बहने से एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है।
इसी के साथ राज्य में मानसून सीजन के दौरान वर्षा से संबंधित अलग-अलग घटनाओं में मरने वालों का आंकड़ा 222 पहुंच गया है। वहीं 11 लोग लापता हैं। बरसात से 706 करोड़ की चल एवं अचल संपति को नुकसान पहुंचा है।आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट पर नजर डालें तो राज्य में गुरूवार को 99 सड़कें भूस्खलन की वजह से अवरुद्ध रहीं।