नाहन, 3 अगस्त : हिमाचल विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन विधायक डाॅ. राजीव बिंदल ने सदन को इस बात से अवगत करवाया कि दिवंगत वीरभद्र सिंह हलके के भेड़ों गांव में ऊंट पर बैठे थे। एक मर्तबा मुख्य सड़क से गांव तक ऊंट पर बैठकर गए थे। जबकि 2017 में गांव तक सड़क से पहुंचे से, लेकिन गांव में ऊंट की सवारी दूसरी बार की थी।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने हाल ही में भेड़ों गांव के हालातों कीे खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद विधायक ने विधानसभा क्षेत्र के तमाम ऐसे गांवों की सूची को तैयार किया, जहां वास्तव में आज भी लोग ट्राइबल क्षेत्रों से भी कठिन जीवन यापन कर रहे हैं। विधानसभा में डाॅ. राजीव बिंदल ने विक्रम सिंह जरियाल द्वारा नियम 130 के तहत उठाए गए विषय का समर्थन करते हुए विधानसभा सदन में ट्राइबल विकास से संबंधित अपनी बात रखी थी।
विधायक ने सदन में विधानसभा अध्यक्ष को संबोधन में कहा कि अगर वो प्रत्येक गांव का वर्णन करेंगे तो उनकी आंखों में आंसू आ जाएंगे। बिंदल ने कहा कि भेड़ों गांव में 700 की आबादी है। गांव में 100 प्रतिशत मुस्लिम गुज्जर निवास करते हैं। गांव तक मुश्किल से सड़क पहुंचाई गई है। पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जी का देहांत हुआ था, तब उनकी एक फोटो वायरल हुई थी, जिसमें वो उसी भेड़ों गांव में ऊंट पर बैठे हुए थे। इसी गांव के साथ मातर गांव भी है। कई अन्य गांव के लोग खोलों में रहते हैं, जिसमें दोनों तरफ पहाड़ हैं, बीच में नाले हैं।
Watch “गांव…दिवंगत वीरभद्र सिंह ऊंट पर बैठे, सैंकड़ों लोग प्राण हथेली पर रख कर रहे पैदल सफर”
बिंदल ने कहा कि बेशक ही उन्हें ट्राइबल का स्टेटस नहीं दिया जा रहा, लेकिन विकास कार्यों के लिए धन का प्रावधान होना चाहिए। बिंदल ने ये भी कहा कि गुमटी गांव में चार बास हैं, जिसमें अगर कोई व्यक्ति पैदल भी पहुंच जाएगा तो वो ईनाम का हकदार होगा, गाड़ी तो दूर की बात है। बिंदल ने कहा कि जनजातीय लोग जो नाॅन ट्राइबल एरिया में रहते हैं उनकी दयनीय अवस्था है। बिंदल ने विक्रम जरियाल द्वारा लाए गए प्रस्ताव का समर्थन किया।