शिमला, 03 अगस्त : जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में बादल फटने और बाढ़ आने की घटनाओं में हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार ने 10 करोड़ रुपए तुरंत जारी करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को विधानसभा में एक विशेष वक्तव्य के माध्यम से यह घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाहौल घाटी में हुई भारी वर्षा से जान व माल की भारी क्षति हुई है और उन्होंने स्वयं 31 जुलाई को मौके पर जाकर नुकसान व राहत कार्यों का जायजा लिया। पहली अगस्त को हेलीकॉप्टर के माध्यम से हवाई सर्वेक्षण भी किया। वहां पर फंसे हुए 372 स्थानीय लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जिनमें से 19 लोगों को हेलीकॉप्टर से निकाला गया है।
उन्होंने कहा कि बीआरओ लोक निर्माण विभाग व जल शक्ति विभागों को राहत कार्यों में तुरंत प्रभाव से काम करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि अब तक लाहौल घाटी के मुख्य मार्गों में केवल तांदी-संसारीनाला सड़क अवरुद्ध है, जिसे बीआरओ द्वारा शीघ्र बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि किरतिंग व हवाई मोड़ नजदीक गांव कुकुमसेरी में भू-स्खलन हुआ है। जाहलमा नाला, साक्स नाला, चांगुट व उरगोश नाला तथा दारचा-शिंकुला सड़क पर दो नालों में भारी बाढ़ आई है। इससे सड़कों, पुलों, पेयजल व सिंचाई योजनाओं को भारी नुकसान हुआ है। इसी तरह, तोजिंग नाला में भारी बाढ़ आने से सात लोगों की जान चली गई, जबकि तीन लोग अभी भी लापता हैं तथा दो घायल लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है।जयराम ठाकुर ने कहा कि जिला में 8 सड़कों एवं पुलों को तथा 10 पेयजल योजनाओं व 35 बहाव सिंचाई
योजनाओं को भारी क्षति हुई है। लोगों की जमीनें भी बह गई हैं तथा कृषि एवं बागवानी उत्पाद, जिनमें मुख्यतः नकदी फसलें मटर, आइस-बर्ग, फूल-गोभी, बंद-गोभी, सजावटी-फूल इत्यादि शामिल हैं, को भी भारी नुकसान हुआ है।