नाहन, 04 अक्तूबर : विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र (Democracy) के सशक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narender Modi) के मंच पर अपनी काबलियत के बूते पहुंचना कितना कठिन होगा, इस बात का अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं। ये ऐसा मंच होता है, जहां तिल के बराबर भी गलती की गुंजाइश (concession) नहीं होती। पूरी दुनिया की इस लोकापर्ण (Inauguration) पर इस कारण नजरें टिकी हुई थी, क्योंकि भारतीय इंजीनियरिंग (Indian Engineering) की बदौलत विश्व में सबसे ऊंची टनल (Highest tunnel in the world) का उदघाटन हो रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले साउथ पोर्टल (South Portal) पर लोकापर्ण के लिए पहुंचे।
इस दौरान मंच पर पांवटा साहिब से ताल्लुक रखने वाले कर्नल हरीश खुराना (Colonel Harish Khurana) की कमांड थी। लगभग 45 मिनट चले कार्यक्रम में मंच पर उस दौरान देश के रक्षा मंत्री (Defense Minister) राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के अलावा सांसद राम स्वरूप शर्मा मौजूद थे। पांवटा साहिब के सरकारी स्कूल तारुवाला से नॉन मेडिकल में पढ़ाई करने वाले कर्नल हरीश खुराना ने उस समय के आरईसी (REC) हमीरपुर से (अब एनआईटी) सिविल इंजीनियरिंग (Civil Engineering) में बीटेक (B.Tech) की शिक्षा प्राप्त करने के बाद सेना के कोर ऑफ इंजीनियर (Core of engineer) में 1995 में अपना कैरियर शुरू किया। तब से देश की सीमाओं तक अधोसंरचना (Infrastructure) के विकास में भूमिका निभा रहे हैं।
करीब अढ़ाई साल से सीमा सडक़ संगठन (Border road organization) के दिल्ली मुख्यालय से अटल टनल के निर्माण की निगरानी भी कर रहे थे। हर किसी के मन में यह सवाल भी कौंध रहा होगा कि सीमा सडक़ संगठन ने देश के इतिहास में दर्ज हो रहे ऐतिहासिक पलों के मंच संचालन के लिए सिरमौरी बेटे का ही चयन क्यों किया। खंगालने पर सवाल का जवाब यह मिला कि कर्नल हरीश खुराना अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी भाषा (Hindi language) में भी पकड़ रखते हैं। सैन्य अधिकारी को हिन्दी मेें मंच संचालन करना था। इसके अलावा रक्षा मंत्रालय द्वारा भी सैन्य अधिकारियों की काबलियत को परखा जाता है।
अटल टनल लोकापर्ण में मोदी के मंच पर “सिरमौरी लाल” के पार्श्व स्वर, लाइव पर दमदार आवाज
ये बोले…
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने कर्नल हरीश खुराना से ऐतिहासिक पलों मेें सांझेदारी को लेकर लंबी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जीवन में ऐसा मौका एक मर्तबा मिलने की गुंजाइश होती है। नर्वस (Nervous) होने के सवाल को लेकर उन्होंने कहा कि अगर आप नर्वस होते हैं तो ऐसी जिम्मेदारी को नहीं निभा सकते। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सहित देश के रक्षा मंत्री के साथ मंच पर मौजूद होना व्यक्तिगत तौर पर गौरव (Proud Moment) के पल हैं। दोहरी खुशी इस कारण है क्योंकि देश के इतिहास में दर्ज हुआ अटल टनल रोहतांग के लोकापर्ण में दायित्व निभाने की जिम्मेदारी मिली थी। उन्होंने बताया कि बीआरओ के 18 प्रोजैक्ट चल रहे हैं, इसमें से अटल टनल भी एक थी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने नार्थ पोर्टल (North Portal) से वापसी में भी ओपन जीप से ही सुरंग का जायजा लिया। कर्नल हरीश खुराना ने कहा कि ये उनकी लाइफ टाइम अचीवमेंट (Life time achievement) है।
बहरहाल गजब इतफाक इस बात का है कि टनल के दोनों छोरों पर मंच की जिम्मेदारी सिरमौरी बेटों ने निभाई। दीगर है कि सिस्सू में जनसूचना व संपर्क विभाग में उपनिदेशक के पद पर कार्यरत नाहन के रहने वाले धर्मेंद्र ठाकुर ने मंच संचालन किया था।