शिमला: राजमाता जुन्गा धारा सेन के निधन पर समूची तत्कालीन क्योंथल रियासत में शोक की लहर है। राजमाता काफी दिनों से अस्वस्थ चल रही है और इनका निधन 21 मार्च को निधन हो गया था, जिनकी आयु 78 साल थी। राजमाता का अंतिम संस्कार रियासत की के अनुसार जुन्गा में किया गया।
बता दें कि राजमाता क्योंथल रियासत के अंतिम शासक राजा स्व हितेंद्र सेन की धर्मपत्नि थी। राजा हितेंद्र सेन का काफी वर्षों पहले निधन हो गया था। राजमाता धारा सेन के दो पुत्र राजा विक्रम सेन और पृथ्वी सेन है। बदलते परिवेश में भी क्योंथल रियासत की जनता राजा जुन्गा को देव स्वरूप मानते है और क्षेत्र के पीठासीन देवता जुन्गों को भी कई मायनों में राजा जुन्गा से आज्ञा लेनी पड़ती है।
राजमाता के निधन पर गुड़िया समक्ष बोर्ड की उपाध्यक्ष रूपा शर्मा, जिला शिमला भाजपा समिति के सदस्य प्रीतम ठाकुर, जेलदार मनोहर सिंह, कसुंपटी मंडल के अध्यक्ष जितेंद्र भोटका, महासचिव पवन शर्मा एवं चिरंजीव लाल, पूर्व प्रधान बालक राम निर्मोही सहित अनेक भाजपा पदाधिकारियों ने गहरा शोक व्यक्त किया गया है और शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट की है। राजमाता की बहू विजय ज्योति सेन ने बताया कि राजमाता की शोक सभा पहली अप्रैल का जुन्गा में रखी गई है जिसमें पूरे क्योंथल रियासत के लोग भाग लेगें।
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