एमबीएम न्यूज/धर्मशाला
राज्य के पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज डरोह की बदौलत राज्य को समूचे देश में गौरव हासिल हुआ है। पीटीसी को कांस्टेबल श्रेणी में सबसे बेहतरीन आंका गया है। 21 जनवरी 2018 से पीटीसी डरोह की बागडोर बतौर प्रिंसीपल आईपीएस सौम्या सांबशिवन संभाल रही हैं। शिमला व सिरमौर में बतौर एसपी आईपीएस ने सराहनीय सेवाएं दी थी। गृह मंत्रालय के माध्यम से ब्यूरो फॉर पुलिस रिसर्च एंड डवेल्पमेंट के सर्वे के आधार पर पीटीसी को कांस्टेबल ट्रेनिंग में सर्वश्रेष्ठ आंका गया है। इस उपलब्धि पर पीटीसी को 20 लाख रुपए की नकद राशि व स्मृतिचिन्ह हासिल होगा।
जानकारी के मुताबिक मंत्रालय द्वारा पुलिस ट्रेनिंग से जुड़ी 10 श्रेणियों में सर्वेक्षण करवाया जाता है। इसमें कांस्टेबल की श्रेणी भी होती है। पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज डरोह में इस समय 900 पुलिस आरक्षियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसमें 200 लड़कियां भी शामिल हैं। जानकारों की मानें तो पीएचडी कर रहा एक युवक भी ट्रेनिंग का हिस्सा है। यहां तक की प्रशिक्षुओ में करीब 30 फीसदी ऐसे युवा हैं, जिनका आईक्यू लैवल काफी ऊंचा है। उल्लेखनीय है कि पीटीसी में कांस्टेबल से डीएसपी स्तर के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाता है।
कांगड़ा की पालमपुर तहसील में पीटीसी की स्थापना 1995 में हुई थी। हालांकि पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता, लेकिन बताया यह भी जा रहा है कि 24 साल के इतिहास में पीटीसी डरोह को पहली मर्तबा इस स्तर का गौरव हासिल हुआ है।
क्या कहती हैं प्रिंसीपल…
पीटीसी डरोह की प्रिंसीपल सौम्या सांबशिवन का कहना है कि यह बेहद ही गौरव की बात है कि कांस्टेबल श्रेणी में देश भर में सर्वश्रेष्ठ आंका गया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पुरस्कार के रूप में मिलने वाली राशि को पेयजल व्यवस्था को सुधारने में खर्च किया जाएगा। प्रिंसीपल ने यह भी माना कि ट्रेनिंग कर रहे प्रशिक्षुओं का आईक्यू लैवल काफी ऊंचा है। लिहाजा वह अपने स्तर पर उन्हें पुलिस विभाग के ऊंचे पदों के लिए प्रशिक्षित करने पर भी विचार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि बेहतरीन प्रशिक्षुओं की बदौलत कॉलेज का सीना फक्र से चौड़ा हुआ है।
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