नितेश सैनी/सुंदरनगर
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के कोठीपुरा में बनने वाला एम्स सियासत की भेंट चढ़ने जा रहा है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बिलासपुर के एम्स मुद्दे को हमलावर हो गई है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के चलते बीजेपी की ओर से क्या रणनीति बनाई जाएगी, जिससे लोकसभा चुनाव में एम्स के मुद्दे पर कांग्रेस से बचाव किया जा सके। साथ ही इस मुद्दे को कमजोर साबित किया जा सके।
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने भाजपा पर हमला करना शुरू कर दिया है। पूर्व कांग्रेस सरकार में सीपीएस रहे सोहन लाल ठाकुर ने बिलासपुर जिला के कोठीपुरा में बनने वाले एम्स के निर्माण पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा पूर्व की यूपीए सरकार ने हिमाचल को कई बड़ी सौगात दी, जिसमें एम्स का निर्माण होना सबसे बड़ी सौगात थी। केंद्र में जैसे ही सत्ता परिवर्तन हुआ और जेपी नड्डा ने स्वास्थ्य मंत्रालय संभाला तो उन्होंने एम्स के निर्माण पर राजनीति शुरू कर दी।
एम्स को बिलासपुर में ही बनाने की हठ ने इसके निर्माण कार्य में देरी का सबब बना दिया। हाल ही में कोर्ट ने फैसला सुनाया कि जहां पर एम्स बनाया जाना है, वहां मौजूद लगभग 1200 पेड़ नहीं काटे जाएंगे। सोहन लाल ठाकुर ने आरोप लगाया की एम्स का शिलान्यास करने के बावजूद भी इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा की नेरचौक में 900 करोड़ की लागत से अस्पताल तैयार किया। एम्स का निर्माण बिलासपुर की जगह नेरचौक में किया जाता तो प्रदेश की जनता को बहुत पहले एम्स अस्पताल का लाभ मिल गया होता। मगर केंद्र सहित केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने एम्स के निर्माण पर राजनीति की। जिसकी वजह से शिलान्यास के बावजूद भी आज तक एम्स का निर्माण शुरू नहीं हो पाया।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल में पेड़ कटान पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। ऐसे में एक और जहां बिलासपुर के कोठीपुरा में एम्स का निर्माण प्रस्तावित है, वहां से लगभग 1200 पेड़ काटे जाने हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के पेड़ न काटने के फरमान के बाद एम्स का निर्माण अधर में लटक गया है। एक अब देखना होगा कांग्रेस किस तरह से लोकसभा चुनावो को देखते हुए किस तरह से जनता के बीच जाकर भाजपा के खिलाफ प्रचार करेगी।