शैलेंद्र कालरा/शिमला
कांगड़ा के ज्वाली उपमंडल में भारतीय वायुसेना के मिग-21 के क्रैश में अनुभवीर लड़ाकू विमान पायलट ने दुनिया को अलविदा कह दिया। करीब सवा एक बजे हुए भयंकर हादसे में स्कवाडन लीडर मीत कुमार की जान चली गई। करीब चार घंटे बाद प्रशासन ने जांबांज सिपाही की मौत की पुष्टि कर दी।
अब आप सोच रहे होंगे कि स्कवाडन लीडर मीत कुमार ने जीवन के अंतिम पलों में भी कैसे सूझबूझ दिखाई तो इसका जवाब यह है कि जब पायलट ने यह महसूस किया कि विमान क्रैश हो सकता है तो उन्होंने इसके मलबे के गिरने की ऐसी जगह को चुना, जहां कोई आबादी नहीं थी। इस बात की तस्दीक कांगड़ा के एसपी संतोष पटियाल ने भी की है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने जब स्कवाडन लीडर के बारे में जानकारी तलाश करने का प्रयास किया तो इंडियन एयरफोर्स के फेसबुक पेज पर एक वीडियो मिला, जिसमें उन्हें हीरोज इन यूनिफार्म भी बताया गया। संक्षिप्त बात में स्कवाडन लीडर मीत कुमार कह रहे थे कि उन्होंने अपनी पत्नी से ज्यादा वक्त इस मशीन (मिग-21) के साथ बिताया है। इतना तय था कि इंडियन एयरफोर्स अपने जांबाज सिपाहियों को लेकर ही इस तरह के वीडियो सोशल मीडिया में अपलोड करती है। बकायदा इस वीडियो में एसएल मीत कुमार को टेक ऑफ करने के साथ-साथ मिग-21 की जानकारी देते हुए भी दिखाया गया है।
शाम 6 बजे के बाद भारतीय वायुसेना के कई अधिकारी इस वीडियो के साथ मीत कुमार को अपने श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे थे। मूलत: दिल्ली के रहने वाले स्कवाडन लीडर मीत कुमार ने लगभग 12:30 बजे पठानकोट एयरबेस से उड़ान भरी थी। 45 मिनट के भीतर ही सबकुछ बदल गया। हालांकि भारतीय वायुसेना अपने स्तर पर इस मामले की जांच कर रही होगी, लेकिन जहां तक स्थानीय पुलिस का सवाल है तो फोरेंसिक व बम निरोधी दस्ता मौके पर पहुंचकर जांच कर रहा था। घटनास्थल का जायजा डीसी के अलावा एसपी ने भी लिया।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कांगड़ा के एसपी संतोष पटियाल ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पायलट ने विमान के मलबे के गिरने को लेकर खुली जगह आसमान में ही चुन ली थी। उन्होंने कहा कि जिस जगह पर मलबा गिरा है, उसके आसपास कई गांव हैं।
प्लेन का मलबा जहाँ गिरा वहां लगभग 7 फुट गहरा गड्डा पड गया। उड़ते प्लेन में ही आग लग गई थी। कुछ ही पलो में लड़ाकू विमान सेरला के रमेश चंद सपुत्र संत राम के खेतों में आ गिरा।
क्षेत्र के वुद्धिजीवी लोंगो का कहना है कि विमान में आग लगी हुई थी अगर प्लेन आबादी बाली जगह पर गिरता तो एक बड़ा हादसा हो सकता था लेकिन इसके खेतों में सुनसान जगह पर गिरने के कारण हादसा टल गया। स्थानीय किसान सरदारी लाल, अजय, लाल सिंह अपने खेतों में कार्य कर रहे थे तो उस समय बारिश भी लगी हुई विमान जैसे जमीन की तरफ आ रहा तो ऐसा लगा रहा था कि आसमान में बिजली चमक रही है, परंतु कुछ देर के बाद विमान जमीन पर आ गिरा।
उन्होंने कहा कि अंतिम समय में भी पायलट ने संयम नहीं खोया इसी कारण आबादी में विमान नहीं गिरा। उनका यह भी कहना था कि निश्चित तौर पर विमान में ही गड़बड़ी हुई होगी अन्यथा इस तरीके से आबादी का बचाव न होता।
कुल मिलाकर एयरफोर्स का एक वीडियो स्कवाडन लीडर के तजुर्बेकार होने की बात बयां कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ स्थानीय पुलिस व प्रशासन की जांच इस बात को इंगित कर रही है कि आबादी वाले इलाके में कै्रश होने की सूरत में काफी नुकसान हो सकता था।