एमबीएम न्यूज / नाहन
सिरमौर के 10 स्कूलों में स्पोर्टस के सामान की सप्लाई में घोटाले पर मुहर लगी है। जांच रिपोर्ट को आलाधिकारियों के टेबल पर भेज दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक बैडमिंटन व टेबल टेनिस से जुड़े सामान में सरकारी खजाने को लूटने की कोशिश की गई।
सूत्रों के मुताबिक जांच रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि बैडमिंटन रैकेट के दो से तीन गुणा तक दाम वसूले गए। 500 रुपए के रैकेट की बिलिंग 1100 से 1500 रुपए के बीच की गई। इसी तरह टेबल टेनिस के बल्लों व गेंदों की कीमतों को एमआरपी से कई गुणा अधिक वसूला गया। सनद रहे कि 10 आदर्श स्कूलों के लिए स्पोर्टस का सामान खरीदने को लेकर प्रति स्कूल 10.53 लाख का बजट आबंटित हुआ था। सूत्रों का यह भी कहना है कि सामग्री भी पूरी नहीं दी गई। जानकारों का यह भी कहना है कि खुले बाजार में 500 रुपयों वाला बैडमिंटन रैकेट भी 300 में मिल सकता है।
स्कूलों ने 9 से 10 लाख रुपए की खरीद राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम के माध्यम से की। हैरान कर देने वाली बात यह है कि सरकार की अपनी एजैंसी ने ही सरकार के खजाने को चूना लगाने की कोशिश की, जो अब साबित भी हुई है। जांच का मामला त्रिलोकपुर स्कूल से शुरू हुआ था। जिसके लिए अलग से जांच अधिकारी भी नियुक्त हुआ। इसके बाद अन्य स्कूलों से भी रिपोर्ट मंगवाई गई। सप्लाई किए गए सामान के दामों की क्रॉस वैरिफिकेशन करने के मकसद से सहायक जिला शारीरिक शिक्षा अधिकारी को भी डयूटी सौंपी गई।
सूत्रों के मुताबिक हाल ही में आलाधिकारियों को भेजी गई रिपोर्ट में यह बात साबित हुई है कि बैडमिंटन व टेबल टेनिस से जुड़ा घटिया सामान सप्लाई किया गया। साथ ही दाम भी दो से तीन गुणा तक वसूले गए। जानकार यह भी बताते हैं कि स्पोर्टस के अन्य सामान की भी गहनता से जांच होने पर कुछ और खुलासे भी हो सकते हैं। जानकारी के मुताबिक 31 मार्च को शिक्षा विभाग के उपनिदेशक के पद से सेवानिवृत सुधाकर शर्मा ने रिपोर्ट भेज दी थी।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि तकरीबन एक करोड़ की सप्लाई में सरकारी एजैंसी ने सरकार के खजाने को कितना चूना लगाया है। मोटे तौर पर बैडमिंटन व टीटी के सामान में अनियमितताएं साबित हुई हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम की आड़ में निजी सप्लायर द्वारा सामान को स्कूलों में सप्लाई किया गया। सनद रहे कि सरकार सप्लाई के लिए निगम को प्राथमिकता प्रदान करती है। संभवत: इसी का फायदा उठाने की कोशिश सप्लायर द्वारा की गई है। सिरमौर मे उच्च शिक्षा विभाग के उपनिदेशक का पद रिक्त है, लिहाजा विभागीय टिप्पणी नहीं मिल पाई है, मिलने पर प्रकाशित की जा सकती है। सनद रहे कि एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
घोटाले से जुड़ा पार्ट-2 बुधवार शाम प्रकाशित किया जाएगा।