शिमला (एमबीएम न्यूज़) : सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद पुरानी परंपरा के नाम पर हिमाचल में झोटों की लड़ाई जारी है और ऐसे आयोजनों से लोग मनोरंजन करने में जुटे हुए हैं। जिला प्रशासन की सख्ती के बावजूद शिमला के समीप मशोबरा में शनिवार को हुए इस आयोजन में भारी संख्या में लोग जुटे। खास बात यह है कि जिला प्रशासन की ओर से इस आयोजन को रोकने की तैयारी नहीं की गई थी और न ही पुलिस प्रशासन द्वारा इस पर नजर रखी गई।
झोटों की इस प्रतियोगिता के आयोजकों द्वारा यहां कवर करने पहुंचे मीडिया के कैमरामैनों से भी बदसलूकी की गई और उन्हें फोटो लेने से रोका गया। सूत्रों के अनुसार झोटों की लड़ाई प्रतियोगिता समाप्त होने के बाद चंद पुलिस वाले आयोजन स्थल पर पहुंचे, लेकिन तब तक पुरानी परंपरा का यह खेल समाप्त हो चुका था। इस मामले में अब तक पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है। समझा जाता है कि आयोजकों के बयान व इस घटनाक्रम की जांच के लिए पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज कर सकती है।
ढली थाना पुलिस ने झोटों की लड़ाई प्रतियोगिता को लेकर थाने में मामला दर्ज होने से यह कहते हुए इंकार किया है कि इस मामले में थाने में अब तक शिकायत नहीं मिली है। पुलिस इस मामले में अब मेला कमेटी के पदाधिकारियों से पूछताछ करने की तैयारी में है। लेकिन सवाल यह है कि प्रशासन द्वारा इस आयोजन को रोकने के पहले इंतजाम क्यों नहीं किया गया ?
मशोबरा के तलाई में शायर मेले में झोटों की लड़ाई प्रतियोगिता पर पिछले तीन सालों से रोक लगी हुई है। जिला उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर ने भी साफ कर दिया था कि यदि झोटों की लड़ाई करवाई गई तो सीधे एफआईआर दर्ज की जाएगी।
ढली थाना पुलिस ने झोटों की लड़ाई प्रतियोगिता को लेकर थाने में मामला दर्ज होने से यह कहते हुए इंकार किया है कि इस मामले में थाने में अब तक शिकायत नहीं मिली है। पुलिस इस मामले में अब मेला कमेटी के पदाधिकारियों से पूछताछ करने की तैयारी में है। लेकिन सवाल यह है कि प्रशासन द्वारा इस आयोजन को रोकने के पहले इंतजाम क्यों नहीं किया गया ?
मशोबरा के तलाई में शायर मेले में झोटों की लड़ाई प्रतियोगिता पर पिछले तीन सालों से रोक लगी हुई है। जिला उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर ने भी साफ कर दिया था कि यदि झोटों की लड़ाई करवाई गई तो सीधे एफआईआर दर्ज की जाएगी।