नाहन (एमबीएम न्यूज): सिरमौर के डीसी कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शाहिद अख्तर के रोम-रोम में ईमानदारी बसी हुई है। आप सोचेंगे ऐसा कैसे। दरअसल एक मर्तबा नहीं, बल्कि आज पांचवी मर्तबा ईमानदारी की मिसाल पेश की है। सुबह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में खाते से 21 हजार रुपए का वेतन निकलवाने गए थे।
बैंक की मशीन की गड़बड़ी के कारण 41 हजार रुपए मिल गए। बैंक से सीधे घर चले गए। जब घर पहुंचे तो हैरान रह गए, क्योंकि 500-500 रुपए के नोटों में 41 हजार रुपए की राशि थी। बार-बार गिनने पर जब साफ हो गया कि बैंक कर्मी ने गलती से 20 हजार रुपए अतिरिक्त दे दिए हैं तो बैंक पहुंच कर जब 20 हजार रुपए की नकदी वापस की। बैंक कर्मियों ने शाहिद अख्तर की भूरि-भूरि प्रशंसा की। साथ ही उस बैंक कर्मी के चेहरे पर सुकून नजर आया, क्योंकि यह राशि वापस न मिलने की सूरत में वेतन से रिकवरी हो सकती थी।
बहरहाल इससे पहले अख्तर ने 1998 में एक महिला का नोटों से भरा पर्स लौटाया था, इसमें अख्तर ने नोटों की गिनती तो नहीं की थी। महिला पर्स को बस में ही भूल गई थी। इसके बाद बैंक को 8 हजार रुपए की राशि लौटा चुके हैं। दो मर्तबा 5 व 8 हजार के चैक मिलने पर संबंधित बैंक के मैनेजर को लौटाए। अख्तर का कहना है कि इन चैकों के माध्यम से राशि को निकलवाया जा सकता था, क्योंकि क्रॉस नहीं थे।
कुल मिलाकर आज 20 हजार रुपए की राशि अख्तर ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क की प्रतिनिधि संध्या कश्यप की मौजूदगी में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारी को लौटाई।