रिकांगपिओ/जीता सिंह नेगी
जनजातीय जिला किन्नौर के छितकुल गांव जो कि किन्नौर के मुख्यालय रिकांगपिओ से मात्र 62 किलोमीटर की दूरी पर बसा है। समुद्र तल से 3,450 मीटर के ऊंचाई पर होने पर हिंदुस्तान का आखिरी गांव भी है। ज्यादा बर्फ़बारी के कारण 20 जनवरी से अभी तक इस गांव को जोड़ने वाली सड़क नहीं खुला है। जिस कारण छितकुल के निवासियों को अपना जीवन यापन करने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रहा हैं।
रविवार को छितकुल के एक मरीज जीवनदास (65) का अचानक बीमार होने से ग्रामवासियों, रिश्तेदारों ने कुर्सी की पालकी बना कर चार व्यक्तियों द्वारा कन्धों पर उठा कर सड़क पर करीब 5 से 6 फ़ीट बर्फ को हटा कर मरीज को छितकुल से मस्तरंग नामक स्थान तक लाया गया। मस्तरंग से सड़क से बर्फ हटा रही जेसीबी में डाल कर सांगला के गंगारंग खड़ तक लाया गया। जहां से एम्बुलेंस की मदद से मरीज को सांगला चिकित्सलय में उपचार किया गया। उप प्रधान छितकुल अरविंद नेगी ने कहा कि 22 जनवरी से छितकुल संपर्क सड़क पूरी तरह बंद है। बीमार होने की स्थिति में मरीज को कंधे में उठा कर स्वास्थ्य केंद्र तक लाना पड़ रहा है।
रविवार को भी छितकुल निवासी जीवनदास को पालकी में उठा कर ग्रामवासियों ने स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। उपप्रधान ने कहा कि शुक्रवार को भी आईटीबीपी के एक जवान जो छुट्टी लेकर घर जा रहा था के अचानक रास्ते मे बीमार होने पर छितकुल के ग्रामीणों व आईटीबीपी के जवानों की मदद से सांगला पहुंचाया गया, जहां से हवाई सेवा से शिमला ले जाया गया। नेगी ने कहा कि प्रशासन को मार्ग शीघ्र बहाली की मांग कर चुके है मगर 21 दिन बाद से मार्ग अवरुद्ध है। संचार व्यवस्था ठप्प है। नेगी ने कहा कि छितकुल में पालतू पशुओं के लिए चारा बिल्कुल खत्म हो चुका है। मार्ग बंद होने से चारा नही ला पा रहे है। पालतू पशुओं को चारा उपलब्ध नही होने से ग्रामीणों को अपने सामने ही अपने पालतू जानवरों को मारता देखने को मजबूर है।
उन्होंने कहा कि अब तक छितकुल के तोता राम,कहन सिंह, बंटी लाल,मानसा राम नेगी,श्री नंद नेगी,भाग सिंह सहित कई ग्रामीणों का गाय, बेल, सांड करीब एक दर्जन पालतू जानवर मर चुके हैं। उपप्रधान ने कहा कि छितकुल में संचार व्यवस्था बंद है।आज ही मोबाइल सिग्नल में आया हूँ। नुकसान की सूचना प्रशासन को आज दूंगा। मरीज जीवनदास के पुत्र कृष्ण नेगी ने कहा कि ग्रमीणों व रिश्तेदारों की मदद से उन के पिता को बारी बर्फ के बीच सांगला चिकित्सलय पहुंचाया गया। उन के इलाज के लिए शिमला ले जा रहा हूँ।