वी कुमार/मंडी
बुजुर्ग दंपत्ति ने उनके द्वारा वन भूमि पर किए गए अवैध कब्जे को हटाने के बाद बाकी कब्जाधारियों पर भी कार्रवाई की मांग उठाई है। इनका कहना है कि वन विभाग ने पिक एंड चूज के आधार पर कार्रवाई की है, जबकि सभी के अवैध कब्जों को हटाया जाना चाहिए। बता दें कि यह दंपति मंडी शहर के साथ लगते सांबल गांव में रहता है। कब्जाधारी मोहन लाल और उनकी धर्मपत्नी चंदी देवी ने 20 वर्ष पहले वन विभाग की भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया था। इस कब्जे पर इन्होंने एक शैड भी बना लिया था।जिसका इस्तेमाल यह स्टोर के रूप में कर रहे थे।
विभाग के पास लंबे समय तक इनके अवैध कब्जे का मामला विचाराधीन रहा। जनवरी 2019 में डीएफओ की अदालत में अंतिम फैसला इनके खिलाफ हुआ। इन्हें अवैध कब्जा हटाने को कहा गया। मोहन लाल और चंदी देवी ने खुद ही अवैध कब्जे को हटा दिया। लेकिन अब यह इलाके के बाकी अवैध कब्जों को भी हटाने की मांग उठा रहे हैं। इनका आरोप है कि विभाग ने पिक एंड चूज के आधार पर कार्रवाईकी है, जबकि इलाके में और भी अवैध कब्जे हैं जिन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इनका कहना है कि विभाग इन्हें अवैध कब्जों को लेकर शिकायत देने को कह रहे हैं।
विभाग अपने स्तर पर अपने अवैध कब्जों की कोई जांच पड़ताल नहीं कर रहा है। इन्होंने चेताया है कि अगर बाकी अवैध कब्जों पर कार्रवाई नहीं हुई तो यह फिर से कब्जा करने से गुरेज नहीं करेंगे। वहीं जब इस बारे में डीएफओ मंडी एसएस कश्यप से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अवैध कब्जे को नियमानुसार हटाया गया है। वन विभाग की भूमि पर किसी भी प्रकार के अवैध कब्जे को बर्दाशत नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने वन भूमि पर अवैध कब्जे किए हैं, उन पर कार्रवाई की जा रही है। यदि किसी के ध्यान में अवैध कब्जों को लेकर कोई जानकारी है तो वह इसकी लिखित शिकायत विभाग को दे सकते हैं। उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।