नई दिल्ली, 23 अप्रैल : भारत के स्थानीय स्वशासन प्रणाली के इतिहास में 24 अप्रैल एक महत्वपूर्ण दिन है। राष्ट्रपति ने 1993 में इसी दिन देश की पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा देते हुए 73वें संविधान संशोधन को अपनी स्वीकृति दी थी। पंचायतों को त्रिस्तरीय प्रणाली प्रदान करने वाले और पंचायतों को शक्तियों और जिम्मेदारियों का हस्तांतरण करने वाले इस संशोधन की अगली कड़ी के रूप में भाग IX को संविधान में जोड़ा गया था। संविधान का 73वां संशोधन आज अपना 30वां साल पूरा कर रहा है।
केंद्र सरकार का यह निरंतर प्रयास रहा है कि 73वें संविधान संशोधन के बाद पंचायती राज संस्थाओं को न केवल राज्यों द्वारा उन्हें आवंटित 29 विषयों के क्षेत्र में सशक्त किया जाए, बल्कि उन्हें क्रियात्मक भी बनाया जाए। कई राज्यों ने इस दिशा में बेहतर प्रयास किए हैं। जम्मू-कश्मीर प्रशासन, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के माननीय उप राज्यपाल मनोज सिन्हा इस दिशा में किए गए गंभीर प्रयासों के लिए सराहना के पात्र हैं। इसी प्रकार, अन्य राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को भी पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तिकरण के लिए ठोस प्रयास करने चाहिए।
केंद्र सरकार ने सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के स्थानीयकरण और इसके लिए ग्राम पंचायत की विकास योजनाओं (जीपीडीपी) के पुनर्गठन पर स्थानीय स्तर पर काम करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों और विभिन्न पदाधिकारियों की शासन क्षमता के निर्माण और प्रशिक्षण पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। उल्लेखनीय है कि 2022-23 तक लगभग सभी ग्राम पंचायतें और समकक्ष निकाय अपनी जीपीडीपी तैयार कर चुके हैं।
स्थानीय शासन में दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए, पंचायती राज मंत्रालय ने ‘योजना से भुगतान’ तक सभी गतिविधियों के लिए डिजिटल मोड में ई-ग्राम स्वराज एप्लिकेशन जैसे डिजिटल समाधान प्रदान करने वाली पंचायतों का डिजिटलीकरण सुनिश्चित किया है। जीईएम पर पंचायतों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की खरीद की नवीनतम पहल है, जिसे आज रीवा, मध्य प्रदेश में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा लॉन्च किया जा रहा है। पंचायत खातों के ऑनलाइन ऑडिट के लिए एडिट ऑनलाइन एप्लिकेशन विकसित किया गया है। इस प्रकार, ‘न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन’ के आदर्श वाक्य के साथ ई-गवर्नेंस की पहल स्थानीय सरकार तक पहुंच गई है, जो हमारी सरकार का एकमात्र योगदान है, क्योंकि हमारे माननीय प्रधानमंत्री ने अप्रैल 2020 में ई-ग्रामस्वराज एप्लिकेशन लॉन्च किया था।