बद्दी (एमबीएम न्यूज़) : हिमाचल प्रदेश के उद्योगों में 70 फीसदी हिमाचलियों रोजगार देने के मुददे पर अब उद्यमियों का सब्र छलकने लगा है। उद्यमी इन शर्तों में बदलाव के साथ कुछ नए नियम चाहते हैं। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के समक्ष सोमवार देर शाम हुई मीटिंग में उद्यमियों ने बेबाकी से अपना पक्ष रखा। विधायक द्वारा हिमाचलियों को रोजगार न देने के मुददे पर कई उद्यमियों ने एक खुले मंच से अपना पक्ष रखा। मानपुरा के एक उद्यमी ने साफ कहा कि हम कब तक अपनी सच्चाई छुपाते रहेंगे और एक दिन तो सच सबके सामने आएगा ही।
उद्यमी ने कहा कि हम हिमाचलियों को 70 फीसदी से ज्यादा रोजगार देने को तैयार है बशर्ते हिमाचली युवा काम करने के लिए तैयार हों। उन्होने सलाह दी कि सिर्फ लेबर ही नहीं बल्कि समस्त उद्योग प्रबंधकों की मैनेजेमेंट में 70 फीसदी हिमाचली होने चाहिए। जबकि होता यह है कि लेबर में तो 70 फीसदी रोजगार की पूछ होती है जबकि स्टाफ में नाममात्र एक आधा हिमाचली अधिकारी होता है। गत्ता संचालक एक उद्यमी ने कहा कि मैने अपने उद्योग में चंबा जिले के नौ हिमाचलियों को न्यूनतम वेतन से ज्यादा डेढ गुणा वेतन देकर अपनी कंपनी में रखा था। सभी एक एक करके मेरे उद्योग को छोड गए जिससे मुझे उत्पादन में हजारों रुपये की हानि हुई।
उन्होने कहा कि हिमाचल के युवा प्रदेश के उद्योगों में काम करने के अभ्यस्त नहीं है और कुछ देर काम करके छोड कर चले जाते हैं उससे उत्पादन को गहरा झटका लगता है। बीबीएन में पहाडों की तरह मौसम व माहौल नहीं मिलता और कई उद्योगों जैसे लोहा, सरिया, धागा मिलों आदि में 70 फीसदी तो क्या इससे आधे भी नहीं मिलती। कसूर इन उद्योगों का नहीं बल्कि माहौल, वातावरण व हालात का है। हिमाचल के अधिकांश युवा पढे लिखे हैं और वह लेबर में काम करने की बजाय स्टाफ में काम करने के ज्यादा इच्छुक होते हैं और स्टाफ में पोस्टें कम होती है तो हम भी कैसे एडजस्ट करें।
उद्यमियों ने कहा कि सरकार को अब अपने नियमों में संशोधन करके नए कानून बनाने चाहिए ताकि उद्योग भी चले और युवाओं को रोजगार भी मिले। वहीं हिमाचल प्रदेश प्रदूषण बोर्ड के चेयरमैन कुलदीप पठानिया ने उद्यमियों की सभी बातें संजीदा होकर सुनी। उन्होने सभी से आहवान किया वह अपने अपने उद्योगों में 70 फीसदी से ज्यादा रोजगार दें। हिमाचल को औद्योगिक घरानों से बहुत ज्यादा आस है और मित्रवत प्रशासन के चलते एवं सीएम एवं उद्योग मंत्री के नेतृत्व में औद्योगिक विकास हो रहा है।