कुल्लू (एमबीएम न्यूज) : देवभूमि कुल्लू में राज्य स्तरीय फलोरवॉल रैफरी कोच स्लेक्शन सैमिनार का आयोजन देवसदन में शुरू हुआ। राज्य स्तरीय इस सैमिनार का शुभारंभ नेहरू युवा केंद्र के कमांडैंट लाल सिंह कौंडल ने किया। इस राज्य स्तरीय सैमिनार में आठ प्रतिभागियों का चयन राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर के लिए होगा। यह राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर मसूर में होगा।
सैमिनार के मुख्यातिथि लाल सिंह कौंडल ने कहा कि फलोरवॉल चयन के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं और हिमाचल प्रदेश में यह गेम 2011 में शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि यह गेम यूरोपियन गेम और स्वीटजरलैंड में इस गेम का जन्म हुआ है। यह गेम विश्व की दूसरी सबसे तेज खेली जाने वाली गेम है और सबसे सुरक्षित व लाभकारी गेम में मानी जाती है। इस गेम में किसी भी तरह की चोट आदि आने का भय नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि आज देश में फलोरवॉल गेम तेजी से बढ़ती जा रही है और खुशी इस बात की है कि हमारे हिमाचल प्रदेश से कई खिलाडिय़ों ने राष्ट्रीय चैंपियन बनकर फलोरवॉल में प्रदेश का नाम ऊंचा किया है। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष में यह गेम वर्ष 2001 में आई जबकि हिमाचल प्रदेश में अभी तक आठ जिलों में इस गेम का प्रचलन हो चुका है और अब मात्र चार जिले किन्नौर, सिरमौर, चंबा व लाहुल स्पीति शेष बचे हैं जहां पर यह गेम अभी तक नहीं पहुंच पाई है।
उन्होंने फलोरवॉल गेम एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश से उम्मीद जाहीर की है कि शिघ्र ही पूरे प्रदेश तक इस गेम को पहुंचाएंगे। इस अवसर पर कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्लेक्शन कमेटी के संयुक्त सचिव एवं प्रदेश महासचिव वेद प्रकाश, संयुक्त सचिव राकेश, नेशनल रैफरी रेफरी रोहित चौहान, राष्ट्रीय कोच रजत वशिष्ट, कोच सुभाष चंदेल, राष्ट्रीय खिलाड़ी संदीप, कंचन शर्मा, नेहा ठाकुर, महेंद्र कारकी, मीना, नेहा, पलवी आदि शामिल रहे। कार्यक्रम में 35 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
स्लेक्शन कमेटी के संयुक्त सचिव वेद प्रकाश व राज्य कमेटी के संयुक्त सचिव राकेश ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में यह गेम 2011 से लगातार खेली जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की युवा शक्ति में अजीव शक्ति है इस उदेश्य से इस गेम को यहां लाया गया है और आज खुशी की बात यह है कि प्रदेश के कई खिलाडिय़ों ने राष्ट्रीय स्तर पर इस गेम में नाम कमाया है। उन्होंने कहा कि इस खेल को प्रदेश के सभी जिलों में पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तक इस खेल के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। लेकिन यह गेम बेहद ही सुरक्षित व प्रसिद्व गेम है।
युवा शक्ति राष्ट्र का भविष्य: लाल सिंह कौंडल
मुख्यतिथि एवं नेहरू युवा केंद्र के कमांडैंट लाल सिंह कौंडल ने कहा कि युवा शक्ति देश का भविष्य है। युवा शक्ति ही राष्ट्र की अमुल्य धरोहर है। जिस राष्ट्र की युवा शक्ति संघर्ष करती है। वह उस राष्ट्र की ताकत बन जाती है। इसलिए फलोरवॉल खेल में भी युवा लोग आगे आए हैं और आप सभी युवाओं से देश को बहुत सारी उम्मीदें हैं। खिलाड़ी देश का नाम रोशन करते हैं और देश को भी ताकतवर युवाओं से काफी आशाएं हैं। उन्होंने कहा कि देवभूमि कुल्लू में जहां 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है वहीं मनु ऋषि ने यहीं से सृष्टि की रचना की थी। इसलिए यहां की मिटटी में सिर्फ प्राकृति की खुशबू ही नहीं है बल्कि एक दैविक ऊर्जा है और उम्मीद है कि आप सभी प्रतिभागियों के जीवन में यह दैविक ऊर्जा परिवर्तन लाएगी।