नाहन : प्रदेश निर्माता डॉ. वाईएस परमार के गृह जनपद से पहली मर्तबा बीजेपी को प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर विधायक डॉ. राजीव बिंदल मिले हैं। सूबे को विकास की एक नई दिशा देने वाले डॉ. परमार के पोते चेतन परमार की भाजपा में ज्वाइनिंग खासी चर्चा में रही थी। मीडिया रिपोर्टस का आंकलन करें तो खुद डॉ. राजीव बिंदल संगठन में चीफ के तौर पर अपनी नई पारी शुरू करने के लिए क्रेजी नजर आ रहे हैं। मौजूदा जयराम सरकार में शिलाई से चुनाव हारने वाले बलदेव तोमर व पच्छाद से बलदेव भंडारी को अहम ओहदे दिए गए हैं।
जुटाई गई जानकारी के मुताबिक संगठन में एक लंबे अरसे से राजगढ़ से ताल्लुक रखने वाले पार्टी नेता चंद्रमोहन ठाकुर भी सक्रिय रहे हैं। तीन बार उपाध्यक्ष के अलावा महामंत्री के तौर पर सक्रिय रहे। धूमल सरकार में जिस समय डॉ. बिंदल ने स्वास्थ्य मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था, उस समय ठाकुर ने महामंत्री का पद छोड़ा था, ताकि उन्हें संगठन में इस पद पर काबिज किया जा सके। जयराम सरकार में एक सेनापति के तौर पर बागडोर संभालने के बाद डॉ. राजीव बिंदल का जिस तरीके से कार्यकर्ता व नेता इस्तकबाल कर रहे हैं, उससे यह साफ तौर पर प्रतीत हो रहा है कि जल्द ही संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने में कामयाब हो जाएंगे, ताकि मिशन 2022 पर लक्ष्य साध लिया जाए।
शांता कुमार की सरकार में एक मर्तबा नाहन हलके को राज्यमंत्री का पद मिला था। जानकारों के मुताबिक भाजपा के शासन में अब तक कभी भी मंत्री का पद नहीं आया है। यह अलग बात है कि निगम व बोर्डों के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनते रहे हैं। गृह जनपद में अध्यक्ष पद की कमान भी डॉ. बिंदल के करीबी विनय गुप्ता के हाथ में है। कांग्रेस की सरकारों में दिवंगत ठाकुर गुमान सिंह व गंगूराम मुसाफिर दमदार मंत्री रहे। मुसाफिर भी विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं। अहम बात यह भी है कि प्रदेश अध्यक्ष पद पर कांग्रेस में भी कोई नेता सिरमौर से काबिज नहीं हुआ। बहरहाल, 22 जनवरी को प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद डॉ. राजीव बिंदल पहली बार अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र में पहुंचेंगे। संगठन इस्तकबाल की तैयारी में जुट गया है।
उधर सिरमौर भाजपा के अध्यक्ष विनय गुप्ता ने कहा कि 22 तारीख को सुबह प्रदेश के प्रवेशद्वार कालाअंब में पार्टी अध्यक्ष का स्वागत होगा। इसके बाद हिन्दू आश्रम में कार्यक्रम रखा गया है। उल्लेखनीय है कि डॉ. बिंदल दिल्ली से नाहन पहुंचेंगे।
रोचक बातें…
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के राजनीतिक जीवन से जुड़ी एक खास बात भी है की 1995 में सिक्के से टॉस जीतकर सोलन नगर परिषद के अध्यक्ष पद पर काबिज हुए थे। 5 साल तक इस पद पर काबिज रहे। विधानसभा का आज तक कोई चुनाव नहीं हारे हैं। पहली मर्तबा विधानसभा का टिकट भी बेहद ही नाटकीय तरीके से मिला था।