शिमला: कोरोना आपदा में विधायक निधि बंद करने के जयराम सरकार के फैसले पर कसुंपटी के कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने विधायक निधि पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग उठाई है। प्रदेश कांग्रेस भवन में आज आयोजित पत्रकार वार्ता में अनिरूद्व सिंह ने कहा कि विधायक निधि बंद करने की सरकार को क्या जरूरत पड़ गई। इस विधायक निधि को क्यों बंद किया गया तथा इसका कहां पर खर्च किया जा रहा है? राज्य सरकार विधायक निधि पर श्वेत पत्र जारी करे।
विक्रमादित्य सिंह ने आरोप लगाया कि उनके कसुंपटी हल्के में मुख्यमंत्री कोविड फंड का एक भी पैसा खर्च नहीं किया गया। उन्होंने कसुंपटी हलके में सेनेटाइजर, मास्क, राशन सहित गांवों के सेनेटाईजेशन के लिए मार्च माह में विधायक निधि से 25 लाख की राशि दी थी। लेकिन उसे अभी तक खर्च नहीं किया गया है, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है तथा मुख्यमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आईजीएमसी व रिपन अस्पताल में सामान्य ओपीडी के बंद होने के कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लोगों की सहायता करने के स्थान पर पल्ला झाड़ रही है। इन दिनों पयर्टन उद्योग पूरी तरह से ठप्प पड़ा है। ऐसे में सरकार उद्योग वालों को अपने कर्मचारियों को वेतन देने पर दबाव बना रही है, जबकि सरकार को मजदूरों व कर्मचारियों के खाते में स्वंय सहायता राशि जमा करवानी चाहिए थी। उन्होंने मु मयंत्री से सवाल किया कि वह बताए कि सरकार ने मजदूरों के खाते में कितनी राशि जमा की है।
उन्होने सरकार से सब्जी उत्पादकों को राहत देने के लिए सब्जियों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की मांग की। कहा कि सब्जी व फूल उत्पादकों के हालात बहुत ही खराब है।
अनिरुद्ध सिंह ने सरकार से प्रदेश के हर नागरिक का कोरोना टैस्ट करवाने तथा कफर्यू के दौरान के लोगों के पानी व बिजली के बिल माफ करने की भी मांग की।
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