नाहन (एमबीएम न्यूज) : पवित्र चूड़धार स्थित शिरगुल जी महाराज मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं। इसी के साथ पवित्र चूड़धार धाम यात्रा शुरू हो गई है। बर्फबारी व मूसलाधार बारिश की आशंका की वजह से प्रशासन ने 13 अप्रैल तक सख्ती से चोटी की यात्रा की मनाही की थी।
दरअसल औपचारिक यात्रा शुरू हो जाने के बाद आश्रम व सरायों में ठहरने की व्यवस्था भी मिलती है। साथ ही भंडारा भी आरंभ कर दिया जाता है। अन्यथा चोटी पर रात्रि ठहराव व भंडारे की व्यवस्था नहीं होती।
हालांकि चोटी पर ब्रह्मचारी स्वामी विरेंद्रानंद जी व ब्रह्मचारी कमलानंद जी अपने सेवकों के साथ मौजूद रहते हैं, लेकिन भारी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंच जाने पर उन्हें व्यवस्था करने में परेशानी आती है। लिहाजा यही सलाह दी जा रही थी कि यात्रा शुरू होने के बाद ही श्रद्धालु प्राचीन मंदिर में पहुंचे।
गौरतलब है कि महाशिवरात्रि के पर्व पर भी श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा था। इस कारण कईयों को कडक़ती ठंड में वापस लौटना पड़ा था, या फिर भूखे ही रहना पड़ा था क्योंकि सैंकड़ों श्रद्धालुओं की व्यवस्था दो-चार लोग नहीं कर सकते थे ओर राशन भी उपलब्ध नहीं था। उधर स्वामी कमलानंद जी ने श्रद्धालुओं को नौहराधार मार्ग से चोटी पर न आने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा कि रास्ते में कई स्थानों पर बर्फ मौजूद है। उन्होंने श्रद्धालुओं को सलाह दी है कि वह सराहं तरहां व हरिपुरधार के रास्ते से ही चूड़धार आए। मंदिर के कपाट खुलने के बाद चूड़धार जाने वाले यात्रियों के लिए खाने पीने व ठहरने की व्यवस्था चूड़ेश्वर सेवा समिति की और से की जाती है।