श्री रेणुका जी (संध्या कश्यप): आखिरकार एक साल के बाद वह पल नजदीक आ गया है, जब भगवान परशुराम अपनी माता श्री रेणुका जी से मिलने पहुंचने वाले है। हर किसी को उस वक्त का बेसब्री से इंतजार है, जब उनके आराध्य देव भगवान परशुराम 21 नवंबर को अपनी मां से मिलने तीर्थस्थल श्री रेणुका जी में पहुंचेंगे। मां-बेटे के इस मिलने का गवाह बनने के लिए हर साल हजारों की तादाद में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। साथ ही भगवान का आर्शीवाद प्राप्त करते हैं। परंपरा के अनुसार इस मर्तबा भी इस अंतरराष्ट्रीय मेले का शुभारंभ मुख्यमंत्री द्वारा किया जा रहा है। हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के लाखों श्रद्धालुओं की इस पवित्र स्थान के प्रति अटूट आस्था है।
क्या है मान्यता?
शिवालिक पहाड़ियों के आंचल में सिरमौर जिला की खूबसूरत वादियों के बीच नाहन से 37 किलोमीटर दूर उत्तर भारत की प्रसिद्ध धार्मिक एवं पर्यटन स्थल श्री रेणुका जी स्थित है। नारी देह के आकार की प्राकृतिक झील यहां पर मौजूद है, जिसे मां श्री रेणुका जी की प्रतिछाया भी माना जाता है। जनश्रुति के अनुसार प्राचीन काल में आर्यव्रम में हैयवंशी क्षेत्रीय राज करते थे। भृगवंशी ब्राह्मण उनके पुरोहित थे। इसी भृगवंशी के महाऋषि ऋचिक के घर महर्षि जन्मदग्नि का जन्म हुआ। उनका विवाह इक्ष्वाकु कुल के ऋषि रेणु की कन्या रेणुका से हुआ। महर्षि जन्मदग्नि परिवार सहित इसी क्षेत्र में तमस्या में मग्न रहने लगे। जिस स्थान पर उन्होंने तपस्या की, वह तपे का टीला कह लाता है।
वैशारव शुक्ल की तृतीया को मां रेणुका के गर्भ से भगवान परशुराम ने जन्म लिया, जिन्हें भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है।अश्वत्थामा, ब्यास, बलि, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, मारकंडेय सहित अष्ठ चिरंजीवियों के साथ भगवान परशुराम भी चिरंजीवी है। यह मेला भगवान परशुराम व मां रेणुका के मिलने का एक अनूठा आयोजन है। पांच दिन तक चलने वाले इस मेले में आसपास के सभी ग्राम देवता अपनी-अपनी पालकियों में सुसृज्जित होकर मां-पुत्र के इस दिव्य मिलन में शामिल होते हैं।
क्या है रेणुका जी में पर्यटकों के लिए खास?
हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में यह रेणुका झील मौजूद है। यह झील समुद्र के स्तर से ऊपर 672 मीटर है। 3214 मीटर की परिधि के साथ प्रदेश में यह सबसे बड़ी झील है। इस झील को मां रेणुका झील के नाम से जाना जाता है। यह पर्यटन नगरी बेहतर सड़क मार्ग से जुड़ी है। रोजाना सैंकड़ों पर्यटक झील में नौकायान का लुत्फ़ उठाते हैं। साथ ही यहां एक लॉयन सफारी व चिड़ियांघर भी मौजूद है, जोकि इस क्षेत्र के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु है।