मंडी (एमबीएम न्यूज़): हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने शिक्षा विभाग द्वारा मुख्य अध्यापिका से वेतन वृद्धियों की वसूली संबंधी आदेशों को निरस्त करने का फैसला सुनाया है। ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष वी के शर्मा व सदस्य प्रेम कुमार की बेंच ने मंडी सर्किट के दौरान सुनाए फैसले में सरकाघाट तहसील के गोपालपुर खंड के बरछवाड स्कूल में तैनात मुख्य अध्यापिका यशोधा देवी की याचिका को स्वीकारते हुए शिक्षा विभाग की ओर से जारी वेतन वृद्धि वसूली संबंधी आदेशों को निरस्त करने के आदेश दिये हैं।
याचिकाकर्ता के अनुसार उन्होने 2005 में ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी। इस याचिका में उनका कहना था कि 1996 में उन्हें विभाग ने मुख्य अध्यापिका के पद पर पदोन्नत होने पर दो वेतन वृद्धियां दी थी। लेकिन विभाग ने साल 2004 में पदोन्नति पर दी गई यह वेतन वृद्धियां वापिस लेने के आदेश दिये थे। ऐसे में याचिकाकर्ता ने इन विभागीय आदेशों को चुनौती देते हुए ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया था। अधिवक्ता आर के शर्मा के माध्यम से ट्रिब्यूनल में दायर याचिका के माध्यम से याचिकाकर्ता का कहना था कि उन्हे मुख्य अध्यापिका के पद पर पदोन्नत होने के बाद 22(सी) नियमों के तहत पंजाब पैट्रन पर लाभ मिलना उचित था।
याचिकाकर्ता ने शिक्षा विभाग के वसूली संबंधी आदेशों को निरस्त करने की प्रार्थना की थी। ट्रिब्यूनल ने मंडी सर्किट बेंच के दौरान याचिका की सुनवाई करते हुए तथ्यों के मद्देनजर इसे उचित मानते हुए स्वीकार करने के आदेश दिए हैं। इसी के साथ ट्रिब्यूनल ने शिक्षा विभाग को याचिकाकर्ता को मुख्य अध्यापिका बनने पर मिली वेतन वृद्धि की वसूली करने के आदेशों को निरस्त करने का फैसला सुनाया है।