एमबीएम न्यूज़/नाहन
सिरमौर जिला से सटी शिमला की कुपवी तहसील का धोताली गांव में बुधवार को शिरगुल महाराज के जयकारो से गूंज उठा। मंदिर के जीर्णोद्वार के उपलक्ष्य मेें 23 वर्षो के बाद शिरगुल महाराज की शांत का आयोजन किया गया। 1996 में इस गांव में शांत का आयोजन हुआ था। धार्मिक आयोजन में सिरमौर व शिमला के लगभग 8 हजार से अधिक लोगो ने भाग लिया। शांत में क्षेत्र के विभिन्न गांवो से पालकी में पूरी शानो शौकत से आधा दर्जन देवी-देवता धोताली पहुंचे। सुबह 10 बजे से पहले ही आसपास के गांव से देवी देवताओं के साथ लोग पहुंचने शुरू हो गए थे।
ढोल नगाड़ो व मंजीरो के साथ हजारों लोगों ने लिंबोर(देवता का नारा) लगाना शुरू किया। 11 बजे के बाद मंदिर के छत पर खुनेड़ लगाने का कार्य शुरू हुआ। मंदिर निर्माण कार्य पूरा होने के बाद खुनेड़ मंदिर निर्माण की अंतिम रस्म होती है। मंदिर में चार खुनेड़ लगाई गई। खुनेड़ लगाने के समय हजारों लोगों ने एक साथ लिंबोर लगाया। उसके बाद मंदिर में शिरगुल महाराज की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई। मंदिर में शिरगुल महाराज की मूर्तियां स्थापित होने के बाद देवता के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लग गया। हजारों श्रद्धालुओं ने देवता के समक्ष शीश नवाजा।
मौके पर लोगों ने देवता से क्षेत्र की खुशहाली की अरज की। देवता ने शांत में पहुचें क्षेत्रों के लोगों को खुशहाली का आशीर्वाद दिया। देवता का आशीर्वाद मिलने के बाद लोग ख़ुशी से झूम उठे। लोगों ने ढोल-नगाड़ो की थाप पर रासे व हारुलों के साथ सामूहिक नृत्य करके शांत में आए हजारों लोगों का मनोरंजन किया। धोताली गांव के लोगो ने हजारों लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की थी। सनद रहे कि धोताली गांव चूडधार चोटी की तलहटी में बसा हुआ है। एक करोड़ से बना मंदिर गांव में लगभग 100 वर्ष पुराने मंदिर को लोगो ने वर्ष 2014 में गिरा दिया था।
8 मई 2014 को ग्रामीणों ने नए मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया था। 5 वर्ष के बाद निर्माण कार्य पूरा होने के बाद गांव में धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया। नए मंदिर के निर्माण पर लगभग एक करोड़ की राशि खर्च की गई है। शांत में कांडा बनाह, कुलग भालु से शिरगुल महाराज की सोने चांदी से सजी पालकिया धोताली पहुंची। आणोग से विजट महाराज, सनत से शिरगुल महाराज की पालकी, देइया गांव से देई माता की पालकियां भी धोताली पहुंची थी ।