वी कुमार/मंडी
छोटी काशी मंडी में देव आस्था का महाकुंभ शुरू हो गया है। यह पहला मौका है जब इस महोत्सव को अधिकारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है। प्रशासन ने 216 देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा था जिसमें से 150 से अधिक देवी-देवता इस महोत्सव में शामिल होने यहां पहुंच चुके हैं। एक सप्ताह तक देव आस्था का यह महाकुंभ इसी प्रकार से जारी रहेगा।
शिव भूमि और छोटी काशी से नाम से विख्यात मंडी शहर एक बार फिर भक्तिमयी हो गया है। वर्ष में एक बार मनाया जाने वाला मंडी का अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव देवी-देवताओं के आगमन के बाद शुरू हो गया है। प्राचीन काल से चली आ रही शिवरात्रि महोत्सव की परंपरा में आज भी प्राचीन रंग देखने को मिलते हैं। देवी-देवताओं के रथ जब इस महोत्सव में शामिल होने आते हैं तो ऐसा लगता है मानो स्वर्ग धरती पर उतर आया हो। ढोल नगाड़ों की थाप और वाद्य यंत्रों की धुनें कानों में मधुर रस घोल देती हैं, जिससे पूरे शहर का माहौल भक्तिमयी हो जाता है।
देवी-देवताओं को समर्पित इस महोत्सव को यदि देव आस्था का महाकुंभ कहा जाए तो गलत नहीं होगा। मंगलवार को देव आस्था के इस महाकुंभ का विधिवत रूप से आगाज हो गया। प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस महोत्सव का विधिवत रूप से आगाज किया। उन्होंने राज माधव राय मंदिर में जाकर विधिवत रूप से पूजा अर्चना की और उपरांत इसके देवी-देवताओं की शोभायात्रा में भाग लिया। यह पहला मौका है जब इस महोत्सव को अधिकारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय दर्जा प्राप्त हुआ है। इससे पहले सिर्फ कहने को ही इसे अंतरराष्ट्रीय कहा जाता था जबकि सरकार की तरफ से इसे अधिकारिक दर्जा प्राप्त नहीं था।
सीएम जयराम ठाकुर को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने तुरंत प्रभाव से आस्था के इस महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्तर का दर्जा प्रदान किया। सीएम जयराम ठाकुर ने खुशी जताई कि इस महोत्सव को अब अंतरराष्ट्रीय दर्जा प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि शिवरात्रि महोत्सव प्राचीन संस्कृति का परिचायक है और इस प्रथा को पीढ़ी दर पीढ़ी बखूबी निभाया जा रहा है। उन्होंने सभी को इस महोत्सव की बधाई भी दी।
वहीं महोत्सव को लेकर लोगों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। लोग वर्ष भर इस महोत्सव का बेसब्री से इंतजार करते हैं क्योंकि यही एक मौका होता है जब उन्हें एक ही स्थान पर इतने अधिक देवी-देवताओं के दर्शनों का सौभाग्य मिल पाता है। प्रशासन हर वर्ष 216 पंजीकृत देवी-देवताओं को इसमें शामिल होने का निमंत्रण देता है। इस वर्ष इस महोत्सव में 150 से अधिक देवी-देवता शामिल होने मंडी आए हैं।
यह देव आस्था का वो महाकुंभ है जिसमें हर कोई डूबकी लगाना चाहता है। हर शख्स इस महोत्सव में शामिल होने के लिए आतुर नजर आता है। अगले सात दिनों तक देव आस्था का यह महाकुंभ इसी प्रकार से जारी रहेगा और देव मिलन का अदभुत नजारा हर किसी को देखने को मिलेगा।