शिमला, 01 अगस्त : जयराम सरकार में एक आयुर्वेद फार्मासिस्ट (Ayurveda Pharmacist) के बेटे ने हिमाचल के स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) के तौर पर अपना सफर शुरू किया है। सिरमौर के हरिपुरखोल में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल (Dr. Rajiv Saizal) का जन्म 11 जुलाई 1971 को उस समय हुआ था, जब पिता सतगुर दास आयुर्वेद विभाग में बतौर फार्मासिस्ट कार्यरत थे। पिता की नौकरी से ही एक आयुर्वेद चिकित्सक बनने की तरफ प्रेरित हुए थे। अचानक ही राजनीति में प्रवेश करेंगे, इस बात का अंदाजा खुद भी नहीं था।
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री के पिता हरिपुरखोल में 1969 से 1971 तक तैनात थे। चूंकि खुद बीएएमएस (BAMS) की पढ़ाई की है, लिहाजा प्रदेश को आयुर्वेद के क्षेत्र में भी नई ऊंचाईयों की तरफ ले जाना चाहते हैं। कसौली निर्वाचन(Kasuali Vidhan Sabha) क्षेत्र से लगातार तीन बार चुनाव जीतने वाले डॉ. सैजल को जयराम सरकार में पहले चरण में ही मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया था, मगर अब विभाग बदला गया है। डॉ. रेणु सैजल के साथ परिणय सूत्र में बंधे स्वास्थ्य मंत्री ने 2007 में पहला चुनाव लड़ा। जीत हासिल हुई। 2012 में भी जीत का परचम लहराया। 13वीं विधानसभा के चुनाव में जीत हासिल कर विजय की हैट्रिक कायम की।
36 साल की उम्र में पहली बार विधायक बनने वाले डॉ. सैजल ने करीब 47 साल की उम्र में मंत्रिमंडल (Cabinet) का ओहदा हासिल कर लिया। सोलन भाजपा के जिलाध्यक्ष(Solan BJP President) रहने के साथ-साथ सामान्य विकास व ग्रामीण योजना कमेटी के सदस्य के तौर पर 2008 से 2012 तक अपने कर्त्तव्य का निर्वहन भी किया। सौम्य व मिलनसार स्वभाव भी एक ऐसी पूंजी है, जिसकी बदौलत जीत की हैट्रिक बनाने में सफल रहे हैं। नए स्थानों पर घूमने के अलावा लोगों से मिलने का शौक है।
उधर एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि पिता आयुर्वेद विभाग(Ayurveda Department) में कार्यरत थे तो पिता से ही आयुर्वेद की शिक्षा हासिल करने की प्रेरणा मिली। 2007 में राजनीति शुरू की। स्वास्थ्य मंत्री(Health Minister) ने कहा कि आयुर्वेद जीवन शैली की पद्धति है, लेकिन इसे नजर अंदाज किया जा रहा है। इस पद्धति का उद्देश्य यह है कि कोई बीमार ही न हो। वैश्विक महामारी को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश की स्थिति की जल्द ही समीक्षा की जाएगी। इसको लेकर जो भी प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता होगी, वो उठाए जाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उनके पिता ने करीब तीन साल तक सिरमौर के हरिपुरखोल में अपनी सेवाएं दी हैं। कुल मिलाकर दिलचस्प बात यह भी है कि जहां सिरमौर के खाते में बीजेपी अध्यक्ष के अलावा ऊर्जा मंत्री (Power Minister)का ओहदा आया है, वहीं राज्य के नए स्वास्थ्य मंत्री की जन्मस्थली भी सिरमौर(Sirmour) ही है। अब ऐसी परिस्थितियों में 2022 का नतीजा क्या होगा, यह तो फिलहाल भविष्य के गर्भ में ही छिपा है।
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