चौपाल : हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव रजनीश किमटा ने राज्य में लगातार बढ़ती कोरोना मरीजों की संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए आरोप लगाया है कि सरकार महामारी के इस दौर में भी लापरवाह नजर आ रही है। राज्य के प्रवेश द्वारों में आवागमन करने वाले लोगों की सही तरीके से स्वास्थ्य जांच न करना भी कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों का एक मुख्य कारण है।
किमटा ने कहा कि रोजाना हजारों कमर्शियल वाहन एक राज्य से दूसरे राज्य में आ-जा रहे हैं। मगर इन वाहनों के चालकों और परिचालकों की किसी भी प्रकार की कोई सैंपलिंग या टेस्टिंग नहीं की जा रही है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि कोरोना की रोकथाम के लिए सरकार के सभी उपाय भगवान भरोसे चल रहे हैं क्योंकि चिकित्सकों के पास न तो पर्याप्त पीपीई किट व सुरक्षा उपकरण है और न ही अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं की पर्याप्त उपलब्धता है।
रजनीश किमटा ने बताया कि प्रदेश के सभी प्रवेश द्वारों पर आवागमन करने वाले हर एक शख्स की सैंपलिंग होनी चाहिए और सभी की ट्रेवल हिस्ट्री नोट करनी चाहिए। इन मामले में किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। क्योंकि अन्य राज्यों से आवश्यक सामग्री लेकर प्रदेश में आने वाले वाहनों के चालक और परिचालक भी कोरोना कैरियर हो सकते है। दूसरे राज्य से हिमाचल की सीमा में प्रवेश करने वाले हर एक इंसान की सैंपलिंग और टेस्टिंग करने के साथ उसका यात्रा विवरण दर्ज करना अनिवार्य किया जाना चाहिए।
रजनीश किमटा ने मुख्यमंत्री के उस ब्यान पर भी कड़ी आपत्ति जताई है, जिसमें उन्होंने हिमाचल प्रदेश को कोरोना क्वारंटाइन डेस्टिनेशन बनाने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का कोई भी निर्णय प्रदेश के हित में नहीं होगा। ऐसा करने से प्रदेश को कोरोना महामारी के प्रकोप से नहीं बचाया जा सकेगा। किमटा ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सरकारी व्यवस्थाओं के आगे बेबस नजर आ रहे हैं। महामारी के इस विकट दौर में जब स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख ही सुरक्षा उपकरणों की आपूर्ति के एवज में सीधे घूंस खा रहे हों तो ऐसे में मुख्यमंत्री को अपनी जिम्मेदारी और जबावदेही से नहीं बचना चाहिए। आरोपी को किस राजनेता का संरक्षण प्राप्त है। इस बात को जल्द सार्वजानिक किया जाना चाहिए और मामले की निष्पक्ष व उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।