शिमला : 23 साल की उम्र में सब इंस्पेक्टर बन बिन्नी मिन्हास ने पुलिस विभाग में अपना कैरियर शुरू किया। हालांकि विगत की बात करें तो उपलब्धियां इतनी हैं कि शब्द भी कम पड़ जाएं। मगर डीएसपी बनने के महज पांच महीनों का ही आकलन करें तो खुद ब खुद ही यह साफ हो जाता है कि पालमपुर का रहने वाले युवा पुलिस अधिकारी से नशे के कारोबारी थर-थर कांपते हैं, क्योंकि वो सिंघम बनकर नशे के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक में माहिर हो चुका है।
अब आप यह सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या, जो एचपीएस बिन्नी मिन्हास को सिंघम कहा जा रहा है। आप यह जानकर हैरान होंगे कि डीएसपी के पद पर प्रमोट होने के बाद बिन्नी मिन्हास ने बंजार में अपनी पारी शुरू की। 2 सितंबर 2019 से 21 फरवरी 2020 के बीच एक क्विंटल 10 किलो मादक पदार्थ को बरामद कर चुके हैं। इसमें करीब 40 किलो चरस भी शामिल है। तीन दर्जन नशा तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचा चुके हैं। दिलचस्प बात यह भी है कि बंजार उपमंडल में केवल बंजार व सैंज ही आते हैं, यानि कार्यक्षेत्र भी छोटा है। बावजूद इसके एक क्विंटल का आंकड़ा महज 20 सप्ताह में हासिल करना छोटी उपलब्धि नहीं है।
दीगर है कि शिवरात्रि के पर्व पर बिन्नी मिन्हास इस कारण चर्चा में आए, क्योंकि उनकी टीम पंजाब के तीन युवकों से पौने पांच किलो चरस बरामद करने में सफल हुई थी। बड़ी खेप की बरामदगी की वजह से सबकी नजरें इसी मामले पर टिक गई। मूलतः कांगड़ा के पालमपुर उपमंडल के चड़यार गांव के रहने वाले बिन्नी मिन्हास ने नशे के सौदागरों पर नकेल कसी हुई है। औसतन हर तीसरे दिन बड़ी खेप बरामद करने में सफल रहते हैं। सुंदरनगर, हरोली व बंगाना में थाना प्रभारी के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। हरोली में पौने तीन क्विंटल भुक्की पकड़ने की उपलब्धि भी झोली में डाले हुए हैं। अपने 12 साल के पुलिस कैरियर में तेजतर्रार पुलिस अधिकारी ने करीब दो साल तक सीबीआई के मुख्यालय में भी अपनी सेवाएं दी हैं। एसपी गौरव सिंह के नेतृत्व में कुल्लू पुलिस नशे की खेप की बरामदगी को लेकर नया रिकॉर्ड कायम करने की तरफ भी अग्रसर है।
युवा डीएसपी को प्रदेश में एनडीपीएस के मामलों में आरोपियों की संपत्ति को ज़ब्त करने का ट्रेंड शुरू करने का श्रेय भी हासिल है। 2012 में आरोपी की 1 करोड रुपए की संपत्ति को सीज किया गया था। शुरुआत करने पर डीएसपी को डीजीपी डिस्क अवार्ड से भी अलंकृत किया गया था। दीगर है कि अब पुलिस में एनडीपीएस के मामलों में आरोपियों की संपत्ति को ज़ब्त करने का सिलसिला नियमित हो गया है।
कुल मिलाकर ऐसे जांबाज पुलिस अधिकारियों की वजह से ही नशे के सौदागरों में खौफ रहता है। इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि प्रदेश में कई आईपीएस अधिकारी भी नशे के खिलाफ तेजतर्रार कार्रवाई करने के लिए पहचान रखते हैं। उधर एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने जब डीएसपी से बात की तो उन्होंने कहा कि वो अपनी डयूटी को निष्ठा से करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने हर मोड़ पर अपनी सफलता का श्रेय टीम को दिया है। उनका यह भी कहना था कि वो अकेले कुछ नहीं कर सकते।
ये कहा कुछ खास..
युवा डीएसपी बिन्नी मिन्हास से एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने सीधा सवाल पूछा कि वो कैसे बड़ी खेप को पकड़ने में सफल होते हैं। इसके जवाब में उनका कहना था कि कई भीतरी जानकारियां सांझा नहीं की जा सकती, अलबत्ता इतना जरूर कहा कि खुफिया नेटवर्क को विकसित करने के अलावा नशेडियों पर नजर रखना लाजमी होता है। उनका यह भी कहना था कि पुलिस अधीक्षक के निर्देश के मुताबिक अब तक नशीले पदार्थ बेचने वालों तक भी पहुंचा जाता है।