नाहन (एमबीएम न्यूज): इस किस्से को शुरू करने से पहले ही स्पष्ट कर देना जरूरी है कि इस घटना की सत्यता पर एमबीएम न्यूज नेटवर्क की मुहर नहीं है। शहर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में वरिष्ठ शिक्षक श्रीकांत अकेला की आपबीती के आधार पर इसे पाठकों से साझा किया जा रहा है। चूंकि शिक्षक श्रीकांत अकेला ने खुद साईंस की पढ़ाई की है, साथ ही साहित्य व पत्रकारिता के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। लिहाजा उनकी फेसबुक पोस्ट व बातचीत के आधार पर इस घटना को लिखा जा रहा है।
27 अक्तूबर 2016…
श्रीकांत अकेला अंबाला से परिवार सहित वापस लौट रहे थे। रात अढ़ाई बजे के करीब सैनवाला पहुंचे। चारों तरफ अंधेरे का सन्नाटा पसरा हुआ था। सैनवाला पहुंचकर सडक़ के दाईं तरफ सफेद लाइन के साथ-साथ एक महिला चलती नजर आती है। पत्नी से सवाल किया, इतनी अंधेरी रात में महिला सुनसान जंगल में कहां जा रही होगी। क्योंकि रात का वक्त था, लिहाजा यह बात सोचना भी सही था।
कार में भजन चल रहे थे। हल्की सी नींद में पत्नी ने इस पर अचंभा जाहिर किया, पूछा दिखाओ। कार के शीशे बंद थे। शिक्षक के बच्चे पिछली सीट पर सो रहे थे। कार की स्पीड कम कर श्रीकांत अकेला अपनी पत्नी को महिला दिखाना चाहते थे, लेकिन स्पीड कम करते ही माजरा बदल गया। अब महिला का कद 10 फीट हो चुका था। ऊपर लाल चोली व नीचे हरा घाघरा पहने, अजीब सी पैरों की आकृति लिए पूरी तन्मयता से नाहन की तरफ बढ़ रही थी। अकेला को घबराहट महसूस हुई। कार की स्पीड तेज कर दी क्योंकि महिला ड्राईवर साइड की तरफ चल रही थी।
श्रीकांत अकेला ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि इसके बाद माता बाला सुंदरी के नाम का जाप करते तेजी से आगे निकल गए। दोसडक़ा पहुंच कर चैन की सांस ली। रास्ते भर कोई बात नहीं की। घर पहुंचने पर जिक्र किया तो सबके चेहरे देखने लायक थे। उनका कहना है कि चार मिनट तक घोर जंगल में अंधेरे के बीच घटी इस घटना ने कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद क्षेत्र के लोगों को फोन कर घटना का जिक्र किया तो लोगों ने भी इसकी तस्दीक की। उनका कहना है कि हकीकत क्या है, इसी को खोजने में व्यस्त हूं।
अपनी आपबीती में यह भी कहा…
श्रीकांत अकेला का कहना है कि आपबीती घटना सोशल मीडिया में शेयर करने का उद्देश्य भय, डर, अफवाह या फिर चटपटी कहानी बनाकर सनसनी फैलाना नहीं है, क्योंकि वह मूल रूप से विज्ञान के विद्यार्थी रहे हैं। सदैव भूत-प्रेत वाली घटनाओं से दूर रहकर उसे विज्ञान के दृष्टिकोण से ही देखते रहे हैं। लिहाजा घटना पर सुझाव व मार्गदर्शन लेने के मकसद से इसे साझा किया गया है। उनका कहना है कि 27 अक्तूबर 2016 को यह घटना घटित हुई। अब साढ़े तीन महीने के बाद इसे अपने दोस्तों से साझा करने का साहस जुटा पाया हूं।