नाहन (रीतिका / श्वेता): सब्जी की प्रजाति कटहल आपको सर्दियों में नजर आए तो आश्चर्यचकित हो जाएंगे, क्योंकि यह प्रजाति गर्मियों की है। एक तरफ जब बर्फबारी हो रही हो तो दूसरी तरफ कटहल कैसे बिक सकता है। शहर के मुख्य बाजार में कटहल बिक रहा है।
40 वर्षीय रामशरण ने रोजी-रोटी के जुगाड़ में ऑफ सीजन सब्जी बेचने का फैसला लिया था। अपने स्तर पर ही जब रामशरण ने पता लगाया तो केरल से कटहल आयात करने की संभावना को टटोला। मूलत: यमुनानगर के छछरौली के रहने वाले रामशरण करीब 15 साल से कटहल बेच कर ही अपना जीवन यापन कर रहा है। पत्नी पिंकी की जेबीटी की पढ़ाई के साथ-साथ दो बच्चों का लालन-पोषण भी कटहल बेच कर ही हो रहा है।
रामशरण का कहना है कि केरल से कटहल पहले दिल्ली पहुंचता है। रामशरण ने बताया कि जब कटहल यमुनानगर की मंडी में पहुंचता है तो वह इसकी बुकिंग करवा लेते हैं। शहर में वह पिछले एक साल से कटहल बेच रहे हैं।
आमतौर पर कटहल खरीदने के बाद उसे काटना मशक्कत का काम है। इस मुश्किल को भी रामशरण ने आसान बना दिया है। वह कटहल न केवल बेचते हैं , बल्कि ग्राहकों की सुविधा के लिए उसे काट कर भी देते हैं।
रामशरण ने बताया कि गर्मियों में चूंकि लोकल कटहल मिल जाता है, इसलिए 40 रुपए किलो बिकता है। जबकि आजकल 60 रुपए किलो बिक रहा है। कुल मिलाकर रामशरण कटहल के शौकिनों को सर्दी में भी स्वाद मुहैया करवा रहे हैं।