हरिपुरधार (मनीष ठाकुर) : शिलाई क्षेत्र के मिल्ला गांव में शुक्रवार को खोड़ा पर्व पर धिरवाण बिरादरी एक महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। सम्मेलन का आयोजन मिल्ला गांव के धिरवाण कर रहे है। सम्मेलन में धिरवाण बिरादरी के 17 गांव से लगभग पांच हजार से अधिक लोगो के भाग लेने की संभावना है।
सांकेतिक चित्र (शिरगुल देव छड़ी)
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य बिरादरी एकजुट करना व आपसी भाईचारे को बढ़ावा देना बताया जा रहा है। महासम्मेलन में धिरवाण बिरादरी के लोग गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करवानेे के लिए भी रणनीति बनाने पर विचार विमर्श कर सकते है। सम्मेलन में रेस्लर दलीप राणा उर्फ ग्रेट खली को भी विशेष रुप से आंमत्रित किया गया है। हालांकि खली इन दिनो अमेरिका में है। उनके इस महासम्मेलन में पहुंचने की संभावना काफी कम है। खली धिराइना गांव के है। इस गांव में रहने वाले सभी लोग धिरवाण बिरादरी से है।
धिरवाण बिरादरी का मूल गांव डसाकना
धिरवाण बिरादरी के लोग मूल रुप से हरिपुरधार क्षेत्र के डसाकना गांव के रहने वाले है। सैकड़ो वर्ष पहले डसाकना गांव को छोड़ कर कुछ लोग शिलाई क्षेत्र के कमरऊ, मिल्ला, व धिराइना में बस गए थे। इसके अलावा कुछ लोग दियुड़ी, बड़वा, सोंफर व वाली टाली गांव में चले गए थे। डसाकना से गए धिरवाण के मौजूदा समय में 17 गांव है। इस बिरादरी के कुछ गांव शिमला जिले में भी बसे है। धिरवाण के मूल गांव डसाकना में अभी भी इस बिरादरी के 20 से अधिक परिवार रहते है।
रात्रिभोज के लिए कटेंगे 12 बकरें
मिल्ला निवासी मदन राणा ने बताया कि उनके गांव में हर वर्ष पारंपरिक खोड़ा पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार ग्रामीणों ने फैसला लिया कि वह अपनी बिरादरी के सभी लोगो को इस पर्व पर बतौर मेहमान आमंत्रित करेगे। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य ब्रादरी का आपसी मेलजोल व भाईचारे का बढ़ावा देना है। राणा ने बताया कि 17 गांव से लगभग 5 हजार धिरवाण शुक्रवार को मिल्ला पहुंच रहे है। उन्होंने बताया कि मेहमानो के रात्रि भोज के लिए 12 बकरो का इंतजाम किया गया है। शाकाहारी मेहमानो के लिए अलग से भोजन की व्यवस्था की जा रही है।
17 गाड़ियां जाएगी हरिपुरधार से
हरिपुरधार से दो निजी बसों के अलावा 15 छोटी गाड़ियों में 200 से अधिक लोग मिल्ला गांव जाएगे। डसाकना गांव के लोग पारंपारिक बाध्ययंत्रो के साथ मिल्ला गांव के लिए रवाना होगे। कमरऊ, धिराइना, नाय, बढ़ोल, टिकरी, पंजाह, वियोंग व अन्य गांव से हजारों लोगों केे मिल्ला गांव पहुंचने की संभावना है।