शिमला (एमबीएम न्यूज़) : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज मण्डी में नागचला-कुल्लू-मनाली फोरलेन के निर्माण को लेकर बनी फोरलेन संघर्ष समिति तथा राजस्व विभाग के उच्चाधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों से कहा कि फोरलेन से विस्थापित होने वाले परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि भू-अधिग्रहण से प्रभावित व्यक्ति हमेशा के लिए उस स्थान से विस्थापित हो जाता है, इसलिए आवश्यक है कि उसके पुनर्वास का विशेष ख्याल रखा जाए और उन्हें अधिकतम लाभ देने का प्रयास किया जाए।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि हालांकि फोरलेन का कार्य विकास से जुड़ा अहम् मामला है, जिससे समूचे क्षेत्र को लाभ पंहुचता है, इसलिए आवश्यक है कि स्थानीय लोगों के सहयोग से इस मामले को शीघ्र सुलझाया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि विस्थापितों को दिए जाने वाले मुआवजे के मामलों को समयबद्ध निपटाएं ताकि लोगों को विकास का लाभ भी मिल सके और विस्थापितों को उनका जायज हक मिल सके।
इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं राजस्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि फोरलेन में कई स्थानों पर उपजाऊ भूमि का भी अधिग्रहण किया जा रहा है, जिसके लिए उपयुक्त मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुआवजे को लेकर विसंगतियों को दूर किया जाएगा।
इससे पूर्व फोरलेन संघर्ष समिति के अध्यक्ष ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने फोरलेन से जुड़े मुद्दों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा, मुख्य संसदीय सचिव मनसा राम, ज्वालामुखी के विधायक संजय रत्तन, अध्यक्ष सामान्य उद्योग निगम सुरेन्द्र पाल, मुख्य मंत्री के ओएसडी अमितपाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव तरूण श्रीधर व नरेन्द्र चौहान सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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