नाहन (एमबीएम न्यूज़): प्रदेश में अंशकालीन जलवाहकों में गुस्सा बढ़ता रहा है। दरअसल नियमितीकरण का मामला तीन बार कैबिनेट में लाया गया। घोषणा की गई कि 14 साल पूरे कर चुके अंशकालीन जलवाहक रेगुलर कर दिया जाएंगे। कैबिनेट की मंजूरी चार महीने बीत चुकी है, लेकिन धरातल पर इसे लागू नहीं किया जा रहा है। यहाँ तक, अधिसूचना जारी नहीं हो रही है।
वीरवार को समूचे सिरमौर से अंशकालीन जलवाहक यहाँ जुटे, जिनके चेहरों पर जबरदस्त गुस्सा नजर आ रहा था। ज़िला अंशकालीन जलवाहक संघ अध्यक्ष कुंदन सिंह ने कहा कि सरकार चाहती है, जलवाहकों को नियमित कर दिया जाये, लेकिन अधिकारी रोड़े अटका रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीवन के इतने साल लगा दिए हैं, मगर अब भी इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है। प्रदेश में तकरीबन 3500 अंशकालीन जलवाहकों को न्याय का इंतजार है।
सिरमौर में यह आंकड़ा 259 का है। वीरवार को संघ बैठक हुई, जिसमें आगामी रणनीति पर भी विचार-विमर्श किया गया। संघ यह भी कहना है कि अगर मांग मान ली जाती है तो तमाम जलवाहक, मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ विधानसभा चुनाव में कंधे से कंधा मिलाकर चलेगे। संघ कहना है कि कैबिनेट में मंजूरी के बाद न्याय न मिलने से हताशा बढ़ती जा रही है।